लखनऊ: सेंगोल (Sengol) पर समाजवादी पार्टी के नेताओं की टिप्पणी पर सीएम योगी ने करारा प्रहार किया है. अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर सीएम योगी ने लिखा कि यह सपा नेताओं की अज्ञानता को दर्शाता है. समाजवादी पार्टी के मन में भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रति कोई सम्मान नहीं है. सेंगोल पर उनके शीर्ष नेताओं की टिप्पणियां निंदनीय हैं. ये उनकी अज्ञानता को दर्शाती है. यह विशेष रूप से तमिल संस्कृति के प्रति इंडी गठबंधन की नफरत को भी दर्शाता है. सीएम योगी ने लिखा कि सेंगोल भारत का गौरव है. यह सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे संसद में सर्वोच्च सम्मान दिया.
प्रधानमंत्री प्रणाम करना भूल गए: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी सांसद और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संसद के बाहर मीडिया से बातचीत में सेंगोल (Sengol) पर आरके चौधरी के पत्र के बाद बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमारे सांसद ने इसलिए कहा था कि पहली बार (सेंगोल) लगा था तो प्रधानमंत्री ने बकायदा प्रणाम किया था. इस बार शपथ लेते समय शायद वो भूल गए, उसी को याद दिलाने के लिए लगता है मेरे पार्टी के सांसद ने पत्र लिखा है. जब प्रधानमंत्री ही प्रणाम करना भूल गए तो उनकी इच्छा भी कुछ और होगी.
सपा सांसद आरके चौधरी के पत्र में क्या लिखा था?
सेंगोल को लेकर फिर से उठे विवाद के पीछे समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी का एक पत्र हैं. मोहनलालगंज सुरक्षित सीट से सांसद आरके चौधरी ने स्पीकर को पत्र लिखकर संसद में लगे सेंगोल को हटाकर संविधान की कॉपी लगाने की मांग की थी. उन्होंने शपथ लेने के बाद प्रोटेम स्पीकर को चिठ्ठी लिखकर कहा था कि सेंगोल राजा-महाराजाओं का प्रतीक है. इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए.
पत्र में लिखा-सदन में सेंगोल देखकर हैरान रह गया
सपा सांसद ने अपने पत्र लिखा था कि आज मैं सदन में सेंगोल को देखकर हैरान रह गया. हमारा संविधान भारत के लोकतंत्र का पवित्र दस्तावेज है. जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है. हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है. ये किसी राजा या राजघराने का महल नहीं है. मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन से सेंगोल को हटाकर भारतीय संविधान की प्रति स्थापित की जाए.