मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 14 दिसंबर को दिए फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर का कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे करने का आदेश दिया था. आदेश के अगले दिन यानी शुक्रवार को शाही ईदगाह कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में सर्वे के आदेश पर रोक लगाने की मांग की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. दरअसल, शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह विवाद मामले के सभी केस की ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी. हिंदू पक्ष के एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, शाही ईदगाह कमेटी ने हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए गए सभी केस को मथुरा कोर्ट में सुनवाई करने की मांग की है. उसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. इसी बीच मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के आदेश को मेंशन करते हुए रोक लगाने की मांग की. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यवाही चलने दें. अगर दिक्कत हो तो प्रॉपर तरीका अपनाएं. इसके बाद सुनवाई पर विचार किया जाएगा.
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सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने पर वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि शाही ईदगाह मामले में कल जो इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आदेश पारित किया था उस आदेश को आज वर्चुअली शाही ईदगाह मस्जिद ने और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने मांग की थी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगा दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इसे इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह केस 9 जनवरी के लिए निर्धारित है, हम उसी दिन उसको सुनेंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार करते हुए ईदगाह सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया. 16 नवंबर को इस अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह के 13.37 एकड़ विवादित जमीन का कोर्ट कमिश्नर सर्वे करेंगे. यह सर्वे वाराणसी की ज्ञानवापी में मई 2021 में हुए कमिश्नर सर्वे की तरह होगा. इसमें कोर्ट कमिश्नर की टीम वहां जाकर सबूत जुटाएगी और कोर्ट को रिपोर्ट देगी. सर्वे का तरीका क्या होगा? टीम में कौन-कौन होंगे? कब सर्वे करेंगे? ये सब 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई में तय होगा.
हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद में मंदिर होने के प्रमाण मौजूद हैं, जो सर्वे होने के बाद सामने आ जाएंगे. वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वहां इस तरह के कोई चिह्न या सबूत मौजूद नहीं हैं. पहले भी वहां ऐसा कुछ नहीं था. वहीं श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि शाही ईदगाह की दीवारों पर कमल पुष्प, ॐ और शेषनाग की आकृति मौजूद है. अपना दावा साबित करने के लिए वह कुछ फोटो भी दिखाते हैं. महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि यह सभी आकृति शाही ईदगाह की दीवारों पर मौजूद हैं. यह सभी आकृति सनातन धर्म की प्रतीक हैं.