Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का दिन नजदीक आता जा रहा है. इसे लेकर ट्रस्ट की ओर से कई तैयारियां की जा रही हैं. मेहमानों के ठहरने के लिए उचित प्रबंध के साथ अन्य तैयारियों को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रविवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रातः काल लिए गए चित्र जारी किए गए. इनमें राम मंदिर का भव्य निर्माण कार्य नजर आ रहा है. मंदिर का दृश्य बेहद आकर्षित करने वाला है. वहीं राम मंदिर के निर्माण में उपयोग किए जा रहे संगमरमर और पत्थरों को श्रमिक साफ करने में जुटे हैं. इस बीच तमिलनाडु के नामक्कल से अयोध्या मंदिर के लिये घंटियां रवाना हो चुकी हैं. एक घंटी का वजन करीब 120 किलोग्राम है. बताया जा रहा है कि कुल 42 घंटियां मंदिर के लिए खासतौर पर भेजी गई हैं. वहीं राम मंदिर निर्माण कार्य सहित अन्य तैयारियों का जायजा लेने के लिए श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा सोमवार को अयोध्या पहुंचेंगे. वह यहां मंदिर निर्माण के काम की समीक्षा करेंगे. राम मंदिर का सुपर स्ट्रक्टर लगभग पूरा हो चुका है.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश-विदेश से खास मेहमान मेहमान आमंत्रित किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी 2024 को शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इस आयोजन में देशभर से विद्वान ब्राह्मण और धर्माचार्यों को आमंत्रित किया गया है. अहम बात यह है कि श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा काशी के विद्वान पंडित के निकाले गए शुभ मुहूर्त में की जाएगी. इनका नाम पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ है, जिन्होंने श्रीराम मंदिर के शिलान्यास और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन का भी मुहूर्त निकाला था. अब प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभ मुहूर्त निकाले जाने के कारण पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं.
Also Read: अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: विहिप ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को किया आमंत्रित, मिला आश्वासनअयोध्या में रामलला को मंदिर में विराजमान कराने के लिए शुभ मुहूर्त निकालने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ मूल रूप से दक्षिण भारत से हैं और उनके साथ उनके भाई पंडित विश्वेश्वर शास्त्री भी रहते हैं, जो स्वयं भी संस्कृत और वेदांत के प्रकांड पंडित हैं. देश में ग्रह-नक्षत्र, योग, चौघड़िया के विषय में पंडित गणेश्वर शास्त्री को गहन जानकारी है. काशी में इनकी शास्त्रार्थशाला काफी लोकप्रिय है, इसकी शुरुआत पंडित गणेश्वर शास्त्री के परदादा ने की थी. कहा जाता है कि यहां महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद राजगुरु भी शिष्य रह चुके हैं. पंडित गणेश्वर शास्त्री धर्म के प्रचार में भी बेहद सक्रिय रहते हैं. देश विदेश में विभिन्न धार्मिक आयोजनों में इन्हें आमंत्रित किया जाता है. वह काशी में ज्योतिष, आयुर्वेद एवं कर्मकांड के विषय से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याओं का मार्गदर्शन बड़े ही निस्वार्थ भाव से करते हैं. इस वजह से इनकी काफी लोकप्रियता है.
अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी. काशी के विद्वान पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने इसका मुहूर्त निकाला है. यह मुहूर्त अग्नि बाण, मृत्यु बाण, चोर बाण, नृप बाण, रोग बाण (पांच बाण) से मुक्त है. मेष लग्न में वृश्चिक नवांश में अभिजीत मुहूर्त में मात्र 84 सेकेंड रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. ये मुहूर्त देश के लिये शुभ होगा. दोपहर 12 बजकर 30 मिनट 08 सेकेंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड का मुहूर्त काशी के वयोवृद्ध पंडित गणेश शास्त्री द्राविड़ ने निकाला है.
अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिये देश भर से पांच मुहूर्त निकाले गए थे. इनमें 17, 21, 22, 24, 25 जनवरी का मुहूर्त था. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ की सलाह पर प्राण प्रतिष्ठा का समय दिन और समय सुनिश्चित किया है. पंडित गणेश शास्त्री के अनुसार रामजी का जन्मनक्षत्र पुनर्वस है. जबकि मृगशिरा मैत्र तारा है. पीएम नरेंद्र मोदी के लिये मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे चरण में कोई दोष नहीं है. इसलिये यह मुहूर्त सबसे शुभ है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा काशी के आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित करेंगे.