अयोध्या: श्री राम के नवनिर्मित मंदिर में होने वाली पूजा में बदलाव किया गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट श्री धाम अयोध्या में नव्य और दिव्य मंदिर में भगवान श्री राम लाल की उपासना पद्धति को लेकर एक मानक पुस्तिका का अनावरण किया गया. इस पुस्तिका को श्री राम उपासना का नाम दिया गया है जो जगतगुरु श्री रामानंदाचार्य परंपरा में प्रतिस्थापित है.
बताया जा रहा है कि श्रीरामपूर्वतापिनी उप्निर्षर्दर के आधार पर बने श्री राम यंत्र पर भगवान श्री राम लाल की मूर्ति को प्रतिस्थापित किया जाएगा और नित्य प्रति उनकी पांच आरती और अभिषेक का कार्यक्रम होगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज को भगवान राम लला की पूजा विधि से संबंधित पुस्तक सौंप दी है. बताया जा रहा है कि पांच वर्ष के बालक के रूप में विराजमान होने के कारण रामलला की लंबे समय तक दर्शन की व्यवस्था नहीं होगी. हर दो घंटे गौ दूध से बने मिष्ठान का भोग लगेगा.
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नई मानक पूजा संहिता को कई विद्वानों, संतों आचार्यों से विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है. श्री राम जन्भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद गिरि, महंत मिथिलेश नंदनी शरण, सत्यनारायण दास, डॉ. रामानंद दास, जयंकात मिश्र की कमेटी भी इसमें शामिल है.
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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर 14 से 22 जनवरी सप्ताह तक प्रत्येक देव मंदिर में राम संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा. मण्डलायुक्त ने राजस्व, पुलिस, शिक्षा, परिवहन, पर्यटन, चिकित्सा, सूचना, संस्कृति आदि विभाग के स्थानीय अधिकारियों एवं मण्डलीय अधिकारियों से अपने अपने विभाग से सम्बंधित कार्यो को समय से पूरा करने के लिए शासनादेश के अनुसार कार्य करने और मंडलायुक्त कार्यालय में रिपोर्ट देने को कहा है. सूचना विभाग द्वारा शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एलईडी वाहन जो चल रही है, इसके अलावा लगभग 50 स्थानों पर स्थापित करने की कार्ययोजना है, उसे भी जल्द से जल्द पूरा करने हेतु निर्देश दिया गया है.
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