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स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान, कहा-संविधान व कानून की रक्षा के लिए अराजक तत्वों पर अयोध्या में चलायी गई गोली

स्वामी प्रसाद माैर्य के बयान आए दिन समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहते हैं. सनातन विरोधी उनके बयान को लेकर सपा असहज महसूस करती रही है. इस बार उन्होंने पूर्व में अयोध्या में गोली चलाने के मामले पर बयान दिया है.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का एक बयान फिर से चर्चा में है. कासगंज में उन्होंने मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के अयोध्या में विवादित ढांचे को बचाने के लिए गोली चलाने का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि संविधान और कानून की रक्षा के लिए तत्कालीन सरकार ने अयोध्या में गोली चलाने के आदेश दिए थे. सरकार ने केवल अपना कर्तव्य निभाया था. उन्होंने कहा कि सरकार ने अराजक तत्वों पर गोली चलाई.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि ‘वहां पर बिना किसी न्याय पालिका के निर्देश पर, बिना किसी प्रशासनिक आदेश पर बड़े पैमाने पर अराजक तत्वों ने तोड़फोड़ की थी. तत्कालीन सरकार ने संविधन की रक्षा के लिए अमन चैन कायम रखने के लिए, उसे समय जो गोली चलवाई थी, वह सरकार का अपना कर्तव्य था. सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था. उन्होंने कहा कि रही बात एसपी सिंह बघेल भी उस समय समाजवादी पार्टी में थे. जिस समय की वह बात कर रहे हैं वह भी समाजवादी पार्टी में थे. जिस समय अयोध्या वाला प्रकरण चला था. इसलि उनको तो नहीं बोलना चाहिए.

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1990 में मुलायम सिंह यादव थे मुख्यमंत्री, अयोध्या में चलवाई थी गोलियां

गौरतलब है के जिस समय अयोध्या में कारसेवा के लिए लोग जुटे थे, उस दौरान 1990 में यूपी में मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे. उन्होंने अयोध्या के हनुमान गढ़ी जा रहे कारसेवकों को रोकने के लिए गोलियां चलाने का निर्देश दिया था. उस दौरान साधु-संत व कार सेवक अयोध्या के लिए निकले थे. यूपी सरकार ने अयोध्या में कर्फ्यू लगा रखा था. पुलिस ने उस दौरान विवादित ढांचे के पास बैरिकेडिंग लगा रखी थी. जब श्रद्धालुओ को हनुमान गढ़ी के रास्ते पर प्रवेश करने से रोका गया तो वहां भीड़ बेकाबू हो गई. इसके बाद जिला प्रशासन ने कार सेवकों पर गोली चला दी. जिससे 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. 30 अक्तूबर 1990 को यह घटना हुई थी.

इस घटना के बाद अयोध्या से लेकर यूपी का माहौल गर्म हो गया था. दो दिन बाद ही 2 नवंबर को बड़ी संख्या में कार सेवक फिर से हनुमान गढ़ी पहुंच गए. लगभग दो साल बाद 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने फिर से अयोध्या कूच किया था और विवादित ढांचे को गिरा दिया था.

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उधर, सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बयानवीर बताया है. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य विवादित बयानों के बयानवीर हो गए हैं. वह आए दिन कोई न कोई विवादित बयान दे रहे हैं. भगवान राम उन्हें सद्बुद्धि थे.

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