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यूपी में तीन आईपीएस अफसरों का तबादला, डायल 112 की महिला कर्मियों के प्रदर्शन के बाद हटाए गए ADG अशोक कुमार

यूपी डायल 112 की जिम्मेदारी नीरा रावत को सौंपी गई है. वहीं डीजी सहकारिता आनंद कुमार का एक बार फिर कद बढ़ गया है. उन्हें अपराध अनुसंधान विभाग का डीजी बनाया गया है. इस बीच राजधानी लखनऊ में डायल 112 में तैनात महिला संविदा कर्मियों का धरना प्रदर्शन जारी है.

Lucknow News: दीपावली से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस में बड़ा फेरबदल हुआ है. तीन आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है. प्रदेश में इमरजेंसी नंबर डायल 112 सर्विस में महिला संविदा कर्मियों के प्रदर्शन बवाल के बाद एडीजी अशोक कुमार सिंह पर एक्शन लिया गया है. उन्हें पुलिस मुख्यालय से संबद्ध किया गया है. इसके साथ ही डायल 112 की जिम्मेदारी नीरा रावत को सौंपी गई है. वहीं डीजी सहकारिता आनंद कुमार का एक बार फिर कद बढ़ गया है. उन्हें अपराध अनुसंधान विभाग का डीजी बनाया गया है. राजधानी लखनऊ में डायल 112 में तैनात महिला संविदा कर्मियों का धरना प्रदर्शन जारी है. उन्होंने मंगलवार रात धरना स्थल इको गार्डन पर ही गुजारी. सीएम आवास का घेराव के लिए जाने के दौरान मंगलवार को इन्हें हिरासत में लेते हुए पुलिस ने ईको गार्डन पहुंचाया था. इसके बाद प्रदर्शनकारी महिलाएं वहीं हैं.

जूही सिंह के साथ सपा प्रति​निधिमंडल ने की मुलाकात

इस बीच वेतन वृद्धि और नौकरी की सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही यूपी पुलिस की आपातकालीन हेल्पलाइन डायल 112 की सैकड़ों संविदा महिला कर्मचारियों से मिलने के लिए सपा नेता जूही सिंह सहित पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को धरना स्थल इको गार्डन पहुंचा. सपा नेताओं ने महिला कर्मियों की मांगों का समर्थन किया. सपा इस मुद्दे पर सरकार पर लगातार हमलावर बनी हुई है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा कि अब सुनने में आया है कि ‘डायल 100’ का ठेका भी पोर्ट, एयरपोर्ट, रेल की तरह किसी ‘प्रिय पार्टनर’ को दिया जा रहा है. महिलाओं को आरक्षण देने की बात करनेवाले उन्हें हिरासत दे रहे हैं. कहीं नाम बदलने वालों ने ‘आरक्षण’ का नाम ‘हिरासत’ तो नहीं कर दिया है.

अभद्र व्यवहार करने का आरोप

महिला कर्मियों ने अधिकारियों पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि महिला कर्मियों को बाहर करने का प्रयास किया जा रहा है. ये महिला कर्मचारी इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम में कम्युनिकेशन अफसर के तौर तैनात हैं. उन्होंने आशंका जताई कि कंपनी बदलने के कारण उन्हें काम से निकाला जा सकता है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि नई कंपनी पहले से काम कर रहीं कर्मियों को नियुक्ति पत्र जारी करे. इसके अलावा महिला कर्मियों ने वेतन बढ़ाने की भी मांग की. दोपहर के बाद प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांग रखने का फैसला किया. इसके बाद महिलाएं राजधानी लखनऊ में सीएम के सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग की तरफ जाने लगी. लेकिन, पुलिस ने उन्हें रोक लिया. जब प्रदर्शनकारी महिलाएं नहीं मानी तो उन्हें हिरासत में लेकर इको गॉर्डन धरना स्थल भेजा गया. इस दौरान महिलाकर्मियों ने पुलिस पर उनके साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से मुख्यमंत्री आवास जाना चाहती थीं. लेकिन, उन्हें नहीं जाने दिया गया और जबरन इको गॉर्डन के लिए बस में बैठा दिया गया.

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महिला कर्मियों का प्रदर्शन जारी

महिला कर्मियों का प्रदर्शन जारी है. उनका आरोप है कि चार साल में एक बार भी उनकी सैलरी नहीं बढ़ाई गई. उन्होंने मांग रखी है कि दीपावली त्योहार से पहले उनकी सैलरी बढ़ाई जाए. साथ ही उन्हें ऑफर लेटर दिया जए. महिला कर्मचारियों के प्रदर्शन के चलते डायल 112 का कार्य भी प्रभावित हुआ है.

महिला कर्मचारियों ने बताया कि हम सभी रोजाना 9 घंटे काम करते हैं, लेकिन सैलरी के नाम पर महज 12 हजार रुपए मिलते हैं. चार साल से सैलरी नहीं बढ़ी है. जबकि 75 जिलों से आने वाली लोगों की कॉल को सुनते हैं. उसके बाद पुलिस की मदद मुहैया कराते है. कई बार सैलरी बढ़ाने की मांग की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके अलावा काम तो यहां कर रहे हैं. लेकिन, ऑफर लैटर तक नहीं मिला है. ऐसे में सभी की मांग है कि त्योहार से पहले हमारी सैलरी बढ़ाकर 18 हजार किया जाए. साथ ही ऑफर लेटर भी दिया जाए.

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