यूपी में डीजीपी मुख्यालय ट्रैफिक पुलिस प्रदेश में खाली चल रहे हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के 2287 पदों को भरने की तैयारी में है. इसके लिए सभी एडीजी जोन और पुलिस कमिश्नर से नागरिक पुलिस के हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल मांगे गए हैं. इनको ट्रेनिंग देने के बाद जिलों में पोस्टिंग किया जाएगा. इससे कमिश्नरेट और जिलों में होने वाली जाम की समस्या से निजात मिलेगा. इसके लिए डीजीपी विजय कुमार ने हाल ही में सभी एडीजी जोन और पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के नामांकन, चयन, ट्रेनिंग, नियुक्ति और स्थानांतरण आदि के संबंध में जारी सभी आदेशों को अतिक्रमित करते हुए नए आदेश जारी किए हैं. दरअसल, प्रदेश के समस्त कमिश्नरेट एवं जिलों में नागरिक पुलिस से ट्रैफिक पुलिस के लिए हेड कांस्टेबल के 1512 और कांस्टेबल के 4336 पद आवंटित हैं. यातायात निदेशालय द्वारा जिलों से प्राप्त सूचना के मुताबिक इनमें हेड कांस्टेबल के 100 पद और कांस्टेबल के 2187 पद खाली चल रहे हैं. इन पदों को भरने के लिए 35 वर्ष से कम आयु के कांस्टेबल और 55 वर्ष से कम उम्र के हेड कांस्टेबल मांगे गए हैं. इनका चयन सीनियरिटी के आधार पर किया जाएगा. कर्मियों के चयन के दौरान उनके ओवरवेट नहीं होने का खास ध्यान रखने को कहा गया है.
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बता दें कि प्रदेश के सातों कमिश्नरेट में आरक्षी के पद रिक्त चल रहे हैं, जबकि हेड कांस्टेबल स्वीकृत पदों से ज्यादा तैनात हैं. लखनऊ में 119 हेड कांस्टेबलों की जगह 162 तैनात हैं. जबकि 495 कांस्टेबल में से 171 पद खाली हैं. गौतमबुद्धनगर में 87 की जगह 227 हेड कांस्टेबल तैनात हैं, जबकि 179 कांस्टेबल के पद खाली हैं. कानपुर में भी 38 की जगह 227 हेड कांस्टेबल हैं, जबकि कांस्टेबल के 117 पद खाली हैं. वाराणसी में 78 की जगह 110 हेड कांस्टेबल हैं, जबकि कांस्टेबल के 104 पद खाली हैं. आगरा में 73 की जगह 168 हेड कांस्टेबल तैनात हैं, जबकि कांस्टेबल के 161 पद खाली हैं. प्रयागराज में 60 की जगह 94 हेड कांस्टेबल हैं, जबकि कांस्टेबल के 104 पद खाली हैं. गाजियाबाद में 78 के बजाय 260 हेड कांस्टेबल हैं, जबकि कांस्टेबल के 31 पद खाली हैं.