लखनऊ : उमेश पाल हत्याकांड शूटआउट के दौरान घायल गनर राघवेंद्र सिंह की एसजीपीजीआई में मौत की सूचना है. बुरी तरह से घायल राघवेंद्र को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर प्रयागराज से एसजीपीजीआई शिफ्ट किया गया था. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी है. यूपी पुलिस के उच्चाधिकारियों को एसजीपीजीआई पहुंचना शुरू हो गया है. बताया जा रहा है कि पांच मई को राघवेंद्र की शादी होने वाली थी.
रायबरेली के लालगंज निवासी राघवेंद्र सिंह उमेश पाल का गनर था. 24 फरवरी जब उमेश पाल पर हमला हुआ था तो राघवेंद्र सिंह बम के हमले में कंधा में जख्म हो गया था. उसे गोलियां भी लगी थी. प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में उसकी सर्जरी करके गोलियां निकाल दी गयीं थी. लेकिन बम लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. एसआरएन अस्पताल में जब राघवेंद्र की स्थिति नहीं सुधरी तो उसे बेहतर इलाज के लिये एसजीपीजीआई लखनऊ लाया गया था.
राघवेंद्र को एसजीपीजीआई लाने के लिये प्रयागराज से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. जिससे उसे जल्द से जल्द बेहतर इलाज पीजीआई पहुंचाया जा सके. प्रयागराज, रायबरेली और लखनऊ पुलिस और प्रशासन ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. हालांकि इस कवायद के बावजूद गंभीर रूप से जख्मी राघवेंद्र की जान नहीं बचायी जा सकी. बताया जा रहा है कि राघवेंद्र के पिता भी पुलिस में थे.
Also Read: Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी अरबाज पुलिस मुठभेड़ में ढेर, देखें Video
लालगंज क्षेत्र के कोरिहर गांव का रहने वाला घायल सिपाही राघवेंद्र लालगंज क्षेत्र के कोरिहर गांव निवासी राघवेंद्र के पिता रामसुमेर सिंह पुलिस विभाग में सिपाही थे, जिनका बीमारी से देहांत हो गया था। राघवेंद्र को मृतक आश्रित के रूप में नौकरी मिली थी. परिवार में अब मां अरुणा, बहन अर्चना और भाई ज्ञानेंद्र ही बचे हैं.
गौरतलब है कि 24 फरवरी को प्रयागराज से विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्याकर दी गयी थी. इस हमले में गनर संदीप निषाद की इलाज के दौरान प्रयागराज में उसी दिन मौत हो गयी थी. जबकि गंभीर रूप से घायल दूसरे गनर राघवेंद्र को पीजीआई में भर्ती कराया गया था. जहां 01 मार्च को उसकी मौत हो गयी.