Lucknow News: उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में 6800 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर प्रदर्शन और घेराव का सिलसिला जारी है. अभ्यर्थी इस मुद्दे पर हर चौखट को खटखटा रहे हैं, जिससे उनकी समस्या का समाधान हो सके. कहीं से उन्हें उपेक्षा तो कहीं आश्वासन मिल रहा है. इसी कड़ी में अभ्यर्थियों ने सोमवार को पूर्व मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के राजधानी स्थित आवास का घेराव किया. अभ्यर्थियों ने सुभासपा अध्यक्ष ने नियुक्ति पत्र दिलाने में सहयोग की मांग की. उन्होंने कहा कि 6800 अभ्यर्थियों के साथ न्याय होना बेहद जरूरी है, ये संघर्ष लंबा होता जा रहा है. अभ्यर्थियों ने प्रकरण को लेकर अब तक की पूरी जानकारी ओम प्रकाश राजभर को दी. इस पर सुभासपा अध्यक्ष ने उनकी मांगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रखने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि भले ही वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा हैं. लेकिन, प्रदेश सरकार में मंत्री नहीं हैं. इसके बावजूद वह अभ्यर्थियों की समस्या और उनके पक्ष से मुख्यमंत्री को जरूर अवगत कराएंगे.
लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों से बातचीत में ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि धरना देने से समस्या का समाधान नहीं होगा. उन्होंने अभ्यर्थियों से मांगपत्र मांगा, जिससे वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप सकें. राजभर ने कहा कि सदन में कोई नेता नहीं है जो पिछड़े और दलितों के लिए आवाज उठाता हो. उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि आज तक कभी इन अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की बात उन्होंने नहीं की. राजभर ने कहा कि जबकि वह स्वयं अभ्यर्थियों के साथ खड़े हैं.
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इसके पहले अभ्यर्थियों ने रविवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर के बाहर प्रदर्शन किया. आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मुलाकात की. उन्होंने मामले को सुनने के बाद सकारात्मक आश्वासन दिया. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार गंभीर है और यह मामला कोर्ट में भी चल रहा है. कोर्ट का जैसा दिशा निर्देश मिलेगा तत्काल उसका पालन किया जाएगा. उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वासन देते हुए कहा कि सभी लोग सकारात्मक रहें. किसी के हक अधिकार के साथ कोई अन्याय नहीं होगा सभी को न्याय मिलेगा.
आरक्षण विसंगति प्रकरण पर अभ्यर्थियों ने कहा कि विभाग के अधिकारी इस मामले को लटकाये हुए हैं. विभागीय अधिकारी शिक्षा मंत्री को भी सही जानकारी नहीं देते है. जिस कारण से यह मामला दिन प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा. अधिकारियों का यही रवैया कोर्ट में भी देखने को मिला है.
अभ्यर्थियों के मुताबिक 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई है, जिसकी वजह से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था, जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की. लेकिन, अभी तक न्याय नहीं मिल सका. अभ्यर्थियों ने मांग की है कि सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करें. अभ्यर्थी इससे पहले बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह के आवास का भी घेराव कर चुके हैं.