लखनऊ: यूपी बोर्ड (UP board) की 10वीं व 12वीं परीक्षाएं गुरुवार 22 फरवरी से शुरू हो रही हैं. बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल के 1571184 छात्र , 1376127 छात्राएं (कुल-29,47,311) और इंटरमीडिएट के 1428323 छात्र, 1149676 छात्राएं (कुल-25,77,997) शामिल होंगे. कुल 55,25,308 परीक्षार्थियों में से 5360745 संस्थागत एवं 164563 व्यक्तिगत परीक्षार्थी हैं. 7900 परीक्षार्थी दूसरे राज्यों के हैं. कुल 8265 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. परीक्षा पूरी तरह से सुरक्षित संपन्न कराने के लिए सात कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाए गए हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ के अलावा विद्या समीक्षा केंद्र लखनऊ और परिषद मुख्यालय प्रयागराज को भी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है. इससे सभी सेंटर की लाइव मॉनीटरिंग की जाएगी.
परीक्षार्थियों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि परीक्षार्थियों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. सामान्य मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 18001806607 और 18001806608 जारी किया गया है. मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए 18001805310 और 8001805312 जारी किया गया है. प्रदेश में 16 जिले अतिसंवेदनशील चिन्हित किए गए हैं. इन जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. ये जिले हैं मथुरा, बागपत, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, हरदोई, आजमगढ़, बलिया, मऊ, प्रयागराज, कौशांबी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, देवरिया और गोंडा.
12 दिन में संपन्न हो जाएंगी परीक्षाएं
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सभी 8,265 परीक्षा केंद्रों पर एक साथ 22 फरवरी को शुरू होंगी और 9 मार्च को समाप्त होंगी. मात्र 12 दिन में परीक्षाएं संपन्न हो जाएंगी. एसीएस दीपक कुमार ने बताया कि नकल की संभावनाओं को रोकने के लिए सीसीटीवी की निगारानी में प्रश्नपत्र खोले जाएंगे. सभी स्ट्रांग रूम और कलेक्शन सेंटर पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी. इसके लिए पुलिस फोर्स और सीसीटीवी की व्यवस्था की गई है. सुबह सचल दल स्ट्रांग रूम का निरीक्षण भी करेगा. परीक्षा केंद्रों आस-पास धारा 144 लागू की गई है. परीक्षा में किसी तरह की गलती की संभावना से बचने के लिए सेंटर व्यस्थापक को पेपर के रखरखाव, परीक्षा कराने, वाह्य व्यवस्थापकों और स्टेटिक मजिस्ट्रेट का प्रशिक्षण कराया गया है.
कक्ष निरीक्षकों को क्यूआर कोड वाले आईडेंटिटी कार्ड
बोर्ड परीक्षा के इतिहास में पहली बार 3.11 लाख कक्ष निरीक्षकों को क्यूआर कोड युक्त कंप्यूटराइज्ड आईडेंटिटी कार्ड जारी किए गए हैं. उत्तर पुस्तिकाओं पर भी क्यूआर कोड, क्रम संख्या और माध्यमिक शिक्षा परिषद का वाटर मार्क लगा होगा. उत्तर पुस्तिका में हर पेज पर संख्या लिखी होगी. चार अलग-अलग रंगों में उत्तर पुस्तिका होगी. सप्लीमेंट्री कॉपी भी अलग रंग की होगी. उत्तर पुस्तिका की सिलाई की गई है. जिससे पेज बदलने की संभावनाएं भी न रहें.
क्विक रिस्पांस टीम रखेगी सोशल मीडिया की खबरों पर नजर
बोर्ड परीक्षा को दौरान किसी तरह की अफवाह को रोकने के लिए एक क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया गया है. टीम गठित सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाकर जनता व परीक्षार्थियों को गुमराह करने, सरकार की छवि धूमिल करने के प्रयासों की निगरानी करेगी. जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. जो कक्ष निरीक्षक या अन्य कार्यों में लगे कर्मचारी हैं उनके खिलाफ अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई होगी.
पेपर लीक किया तो होगी कड़ी कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा ने बताया कि किसी विषय की परीक्षा समाप्त होने से पहले यदि कोई प्रश्न-पत्र या उसके किसी भाग को या उसका हल WhatsApp/ सोशल मीडिया या अन्य किसी माध्यम से वायरल करने का प्रयास किया गया तो कठोर कार्रवाई की जाएगी. इसमें उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-1998 की धारा-4/10 के अंतर्गत कार्रवाई का प्रावधान है. दीपक कुमा ने बताया कि परीक्षार्थियों के लिए बोर्ड स्पेशल परीक्षा बसें, परीक्षा के दौरान बिना रुकावट बिजली की आपूर्ति, परीक्षा केंद्रों के आसपास सफाई, परीक्षकों व परीक्षार्थियों के लिए फर्स्ट एड की व्यवस्था भी गई है.
दवा नकल रोकने से कम हुई परीक्षाथिर्यों की संख्या
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा ने दावा किया है कि नकल पर प्रभावी रोकथाम के चलते वर्ष 2024 में 164563 व्यक्तिगत परीक्षार्थी पंजीकृत हुए है. जबकि 2017 में यह संख्या 3,53,106 थी. दूसरे प्रदेशों से 2017 में 1,50,209 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया था. इस बार यह संख्या मात्र 4905 रह गयी है. उन्होंने बताया कि 2017 से पहले बोर्ड परीक्षा में 12 हजार से भी अधिक केंद्र बनते थे. लेकिन ऑनलाइन केंद्र निर्धारण होने से इस वर्ष 8265 परीक्षा केंद्र बने हैं.