लखनऊ: राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने विपक्ष के हर हमले का करारा जवाब दिया. उन्होंने नेता विपक्षी दल अखिलेश यादव के बयान पर याद दिलाते हुए कहा कि इनके समय में बहुत खेल होते थे. लैपटॉप घोटाले का खेल, खाद्यान्न घोटाले का खेल, गोमती रिवर फ्रंट का खेल.
सीएम योगी ने कहा कि भर्ती के खेल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीसीएस की एक भर्ती 86 एसडीएम एक ही जाति के थे. इस अखिलेश यादव ने कहा कि वह सदन में इन एसडीएम के नाम सूची रखें. इस पर स्पीकर सतीश महाना ने उनको शांत कराया. सीएम ने कहा कि कैग की रिपोर्ट अभी आई है, उन्होंने इनके कार्यकाल का 97 हजार करोड़ के घोटाले का उल्लेख किया है. भर्ती घोटाले का खेल भी प्रदेश में हुआ है. भर्तियों में जमकर भ्रष्टाचार और प्रतिभा के साथ छल. ये भी खेल होता था. मुजफ्फरनगर के दंगे, मथुरा में रामवृक्ष कांड का खेल, पत्रकार को जिंदा जलाने का खेल समेत बुंदेलखंड क्राइसिस, भू माफिया के खेल चल रहे थे.
यही नहीं आतंकियों पर मुकदमे वापस लेने का भी खेल चल रहा था. ये खेल कहां तक लेकर जाएंगे ये लोग, मुझे ऐसा कुछ नहीं खेलना. मैं एक सामान्य व्यक्ति हूं. हर एक के साथ सद्भावना के साथ पेश आता हूं. सम्मानजनक व्यवहार करता हूं. सबका साथ और सबके विकास की बात करता हूं.
सीएम योगी ने अखिलेश पर कई तंज भी कसे. उन्होंने कहा कि यहां पर नेता विरोधी दल के मुख से एक नई चर्चा भी सुनने को मिली खेल के बारे में. वो कह रहे थे कि आप अकेले मैच क्यों देख रहे हैं. भाई मैं तो अकेला ही हूं, अकेले ही आया हूं और अकेले ही जाना है. मुझे लगा कि नेता विरोधी दल बड़े खिलाड़ी होंगे तो उनका नाम किसी पुरस्कार के लिए भेज देते हैं.
ये कैसे खेलते थे समाचार पत्रों में इसका उदाहरण देखने को मिला. एक कटिंग दिखाते हुऐ उन्होंने कहा कि इसमें लिखा था कि सीएम के आते ही बरसे रन…12वें ओवर में सीएम का शॉट सीधे कप्तान आलोक रंजन के हाथ में चिपक गया. ये क्रिकेट खेल रहे हैं, पहली बॉल में कैच आउट हो रहे हैं. लेकिन वहां से कह दिया जाता है कि ये तो नो बॉल है.