लखनऊ: यूपी (UP Flood News) की गर्रा, कनौत, राप्ती, राम गंगा, शारदा, बूढ़ी राप्ती, कानों नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इसके चलते 20 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. लगभग 1571 गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. इससे खेती, गृहस्थी, जानवर सभी को नुकसान पहुंचा है. जिला प्रशासन ड्रोन सर्वे से नुकसान का आंकलन करने की तैयारी कर रहा है. 15 लाख जनसंख्या इस बाढ़ से प्रभावित हुई है.
सामान्य से अधिक बारिश से बिगड़े हालात
सरकार से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष 1 जून से अब तक प्रदेश में सामान्य वर्षा 220 मिमी के सापेक्ष 242.50 मिमी हुई है. आगामी 22 जुलाई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज वर्षा होने की संभावना है. इसलिए मौसम की बदलती परिस्थितियों पर सतत नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. राहत आयुक्त कार्यालय ने सभी जिला प्रशासन को 24 X 7 अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं. बाढ़ और अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखने के लिए भी कहा गया है. साथ ही सभी नदियों के जलस्तर और तटबंधों की 24 X 7 मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए गए हैं.
3.19 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में पानी भरा
बाढ़ प्रभावित इलाकों से मिली जानकारी के अनुसार कुल 20 जनपदों की 69 तहसीलों के 1,571 गांव, बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. अब तक कुल 14.80 लाख नागरिक प्रभावित हुए हैं. जिनमें से 5.29 लाख व्यक्ति ऐसे हैं, जिनकी खेती मकान, गृहस्थी का सामान एवं पशु को क्षति पहुंची है. जल भराव के कारण प्राथमिक रूप से 3.19 लाख हेक्टेअर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है. सैटेलाइट से प्राप्त जलभराव डाटा के आधार पर स्थलीय टीमें बनाकर कृषि क्षति का सर्वेक्षण और पुष्टि कराई जा रही है.