लखनऊ: नेपाल से अचानक छोड़े गये पानी के कारण बहराइच में खेत में काम कर रहे 194 लोग बाढ़ में फंस गए. घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने रात में ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. रेस्क्यू टीम ने 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाढ़ में फंसे 63 लोगों को रात में ही सुरक्षित बचा लिया गया. जबकि 131 लोगों को बचाने के लिए सुबह 9 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. बचाये गए लोगों में पुरुषों के साथ ही बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. बाढ़ में फंसे लोगों की स्वास्थ्य जांच कराने के बाद सभी को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाया गया. सभी को राहत सामग्री भी वितरित की गयी.
राज्य इमरजेंसी सेंटर को मिली थी सूचना
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि राज्य इमरजेंसी सेंटर को बहराइच में बाढ़ के पानी में सैकड़ों लोगों के फंसे होने की सूचना मिली थी. मंडलायुक्त देवीपाटन शशि भूषण लाल सुशील और बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी को इसकी जानकारी दी गयी. मौके पर पहुंचे मंडलायुक्त देवी पाटन शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि ग्राम चहलवा परगना धर्मापुर तहसील मिहीपुरवा (मोतीपुर) बहराइच के करीब सौ से अधिक ग्रामीण घाघरा नदी के दूसरी ओर अपने खेतों में काम करने गए थे. इस दौरान घाघरा का जलस्तर कम था. शाम को नेपाल से अचानक पानी छोड़े जाने से घाघरा का जलस्तर बढ़ गया. इसकी वजह से ग्रामीण अपने खेतों में फंस गए.
एसएसबी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी की टीम ने बचाया
बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि यहां जानकारी मिली कि बाढ़ के पानी में करीब 194 ग्रामीण फंसे हैं. जिसमें सबसे अधिक संख्या महिलाओं की है. बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए रात में ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. उन्होंनें बताया कि एसएसबी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर रात में ही 63 लोगों को बचा लिया. जबकि अन्य 131 लोगों को करीब 12 घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 9 बजे तक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया् डीएम ने बताया कि पानी के तेज बहाव और अंधेरे की वजह से देररात में कुछ देर के लिए ऑपरेशन को रोका गया ताकि कोई जनहानि न हो. इसके बाद फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.
मेडिकल चेकअप के बाद सभी को भेजा गया घर
जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ में फंसे सभी 194 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. इसके बाद सभी का मेडिकल चेकअप कराने के बाद उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई. सभी को वाहनों से उनके गांव में पहुंचाया गया. इस दौरान आपदा से फंसे पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की गयी. इसके साथ ही घाघरा नदी के आस-पास बसे गांव के लोगों से नदी के पास न जाने की अपील की जा रही है. इसको लेकर गांवों में रेस्क्यू टीम लगातार अलर्ट कर रही है.
बाढ़ प्रभावित 40 जिलों को जारी किए 120 करोड़ रुपए
योगी सरकार ने बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों, परिवार को सहायता देने, कृषि निवेश अनुदान समेत अन्य राहत कार्यों के लिए अतिसंवेदनशील और संवेदनशील 40 जिलों को 120 करोड़ की धनराशि जारी की है. यह धनराशि राज्य आपदा मोचक निधि से बाढ़ प्रभावित जिलों को आवंटित की गई है. बाढ़ से ज्यादा प्रभावित जिलों को 5 करोड़, सामान्य प्रभावित जिलों को एक-एक करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है.
इन जिलों को दी गई पांच-पांच करोड़ की धनराशि
लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई, अयोध्या, बदायूं, फर्रुखाबाद, बस्ती, देवरिया एवं उन्नाव
इन जिलों को जारी किया गया एक-एक करोड़ रुपये
महराजगंज, बिजनौर, गाजीपुर, मऊ, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, संतकबीरनगर, पीलीभीत, सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, हमीरपुर, गौतमबुद्धनगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलंदशहर, मुरादाबाद, वाराणसी, लखनऊ एवं कासंगज