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UP News: 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सीएम योगी आज करेंगे बैठक, हाईकोर्ट के फैसले ने बढ़ाई चिंता

UP News: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में यूपी सरकार की चिंता बढ़ा दी है. भर्ती में आरक्षण नियमों का सही से पालन न करने के कारण हाईकोर्ट ने नई चयन सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं.

लखनऊ: 69 हजार शिक्षक भर्ती की नई सूची जारी करने के हाईकोर्ट के फैसले ने यूपी सरकार (UP News) को संकट में डाल दिया है. चयन में आरक्षण का सही से पालन न होने के कारण हाईकोर्ट ने पुरानी सूची को रद्द कर दिया है. साथ ही तीन माह में नई सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सीएम योगी 18 अगस्त को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक में तय होगा कि सरकार इसमें हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देगी या फिर नई सूची जारी करेगी.

आरक्षण विरोधी होने का लग रहा आरोप

यूपी सरकार के लिए 69 हजार शिक्षकों की भर्ती लगातार गले की हड्डी बनी हुई है. चयन में आरक्षण के नियमों का पालन न होने पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी आपत्ति जताई थी. साथ ही अभ्यर्थी भी 640 दिन से आंदोलन कर रहे थे. मुख्यमंत्री से लेकर विभागीय मंत्री, विधायक, सांसद, बीजेपी कार्यालय का दरवाजा खटखटाने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला था. इसके चलते सरकार पर आरक्षण विरोधी होने का ठप्पा भी लग रहा था. विपक्ष के नेता भी लगातार धरना स्थल पर जाकर आंदोलन को सपोर्ट कर रहे थे. वहीं सोशल मीडिया पर भी अभ्यर्थियों के आंदोलन को लेकर अखिलेश यादव, संजय सिंह, चंद्रशेखर आजाद आदि ने आवाज उठाई थी. अब हाईकोर्ट के फैसले ने यूपी सरकार के सामने असमंजस की स्थित खड़ी कर दी है.

ओबीसी को सिर्फ 3.86 प्रतिशत आरक्षण मिला

आंदोलन में शामिल अभ्यर्थियों का कहना है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए था. लेकिन उन्हें सिर्फ 3.86 फीसदी आरक्षण मिला. इससे ओबीसी को 18598 सीटों में से मात्र 2637 सीटें ही मिली. वहीं अनुसूचित जाति वर्ग को 21 प्रतिशत की जगह 16.6 प्रतिशत आरक्षण मिला. 69 हजार शिक्षक भर्ती में अनारक्षित वर्ग की कट ऑफ 67.11 फीसदी और ओबीसी की कटऑफ 66.37 फीसदी थी.

अहम है आज की बैठक

हाईकोर्ट के फैसले में कहा गया है कि जून 2020 में जारी चयन सूची और 5 जनवरी 2022 को जारी होने वाली 6800 अभ्यर्थियों की सूची को रद्द किया जाता है. सरकार तीन माह में आरक्षण के नियमों के पालन करते हुए नई सूची जारी करे. इस फैसले के खिलाफ यदि सरकार जाती है तो उसे आरक्षण विरोधी माना जा सकता है. इसलिए 18 अगस्त को होने वाली बैठक को अहम माना जा रहा है. नई सूची जारी होने पर चयनित शिक्षकों को भी झटका लगेगा. हजारों की संख्या में सहायक शिक्षक चयन सूची से बाहर हो सकते हैं.

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