24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मायावती ने कृषि कानूनों की वापसी को बताया लोकतंत्र की वास्तविक जीत, कहा- अन्नदाता से बात करे सरकार

बसपा सुप्रीमो मायावती ने संसद के दोनों सदनों से कृषि कानूनों की वापसी को लोकतंत्र की वास्तविक जीत बताया. मायावती ने कहा कि सरकार आंदोलन कर रहे अन्नदाता से बात करे.

UP News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर निशाना साधा है. मायावती ने ट्वीट कर कहा, देश में किसानों के एक वर्ष के तीव्र आन्दोलन के फलस्वरूप तीन अति-विवादित कृषि कानूनों की आज संसद के दोनों सदनों में वापसी किसानों को थोड़ी राहत देने के साथ ही देश के लोकतंत्र की वास्तविक जीत है. यह सबक है सभी सरकारों के लिए कि वे सदन के भीतर व बाहर लोकतांत्रिक आचरण करें.

मायावती ने इसके आगे लिखा, किन्तु देश के किसानों की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के क्रम में खासकर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारण्टी सुनिश्चित करने की मांग पर केन्द्र की चुप्पी अभी भी बरकरार है. केन्द्र द्वारा इस पर भी सकारात्मक पहल की जरूरत है ताकि किसान खुशी-खुशी अपने घर लौट सकें.

Also Read: मायावती की पार्टी BSP में सेंध लगाकर अब अखिलेश यादव बना रहे ये रणनीति? यूपी की इन 86 सीटों पर सपा की नजर

बसपा सुप्रीमो ने कहा, केन्द्र सरकार आन्दोलित किसानों से पुनः गंभीर वार्ता प्रारंभ करके देश में खेती-किसानी व किसान परिवारों के वास्तविक उत्थान के लिए ठोस उपाय हेतु सही नीति का निर्धारण करे ताकि देश में सभी जगह नई हरित क्रान्ति की शुरूआत व किसानों का जीवन खुश व खुशहाल हो सके.

Also Read: प्रयागराज के फाफामऊ का गोहरी गांव पर गहराई सियासत, BSP प्रमुख मायावती ने भी की योगी सरकार से न्याय की मांग

बता दें, लोकसभा और राज्यसभा से सोमवार को कृषि कानून वापसी बिल पास हो गया है. लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पेश किया. बिल पास होने को लेकर कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम बहस करना चाहते थे.

तीनों विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लाया गया एक विधेयक कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश किया, जिसे पास भी कर दिया गया. संसद के दोनों सदनों ने कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी प्रदान कर दी.

बता दें कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 लाई थी. करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की मुख्य मांग इन तीनों कानूनों को रद्द करना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी.

Also Read: बसपा सुप्रीमो मायावती ने संविधान दिवस पर उठाया निजी संस्थानों में आरक्षण का मुद्दा, किसान आंदोलन की पैरवी की

Posted By: Achyut Kumar

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें