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UP News: यूपी में होगी राज्य पक्षी सारस की गणना, 20 जून से दो दिन तक सुबह-शाम दो बार होगी गिनती

UP News यूपी सरकार राज्य पक्षी सारस की गिनती कराएगी. सारस के संरक्षण की सरकार की पहल के सुखद परिणाम मिले थे. बीते वर्ष यूपी में 19522 सारस पाए गए थे.

लखनऊ: यूपी (UP News) सरकार राज्य में 20 जून से सारस (Stork) की गिनती कराएगी. सरकार साल में दो बार (ग्रीष्मकालीन-शीतकालीन) गणना कराती है. वर्ष 2024 में 20 जून गुरुवार से दो दिन तक सारस गणना होगी. ये गणना सुबह-शाम दो बार की जाएगी. इसमें वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही विद्यार्थियों व प्रकृति प्रेमियों का भी सहयोग लिया जाएगा. 2023 में हुई गणना में उत्तर प्रदेश में 19522 सारस पाए गए थे. प्रभागीय वनाधिकारी अपने प्रभाग में पाए गए सारस की संख्या व फोटो पहली जुलाई तक मुख्य वन संरक्षक ईको विकास लखनऊ को देंगे

स्कूल कॉलेज के बच्चे, प्रकृति प्रेमी, एनजीओ भी होंगे शामिल
UP News 20 व 21 जून 2024 को ग्रीष्मकालीन सारस गणना की के लिए प्रत्येक प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के को-ऑर्डिनेटर होंगे. वन रक्षक गणना टीम का लीडर होगा. इनके कार्य क्षेत्र में कई वेटलैंड होने पर एक से अधिक टीम गठित की जाएंगी. सारस की गणना के लिए जनसामान्य को भी जागरूक किया जाएगा. गणना में स्कूल, कॉलेज के बच्चों, प्रकृति प्रेमियों व एनजीओ भी सारस गणना में प्रतिभाग कर सकते हैं. इन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा.

बढ़ रही है सारस की संख्या
वर्ष 2024 में (UP News) प्रत्येक स्थल पर सुबह 6 से 8 और शाम 4 से 6 बजे तक सारस की गिनती होगी. दोनों में जो भी संख्या अधिकतम होगी, उसे ही वास्तविक माना जाएगा. प्रत्येक गणना स्थल की जीपीएस रीडिंग भी होगी. गौरतलब है कि यूपी में साल दर साल सारस की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. प्रदेश में 2021 में 17329 सारस पाए गए थे. 2022 में यह संख्या बढ़कर 19188 हो गई थी. 2023 में यह संख्या बढ़कर 19522 हो गई थी.

संरक्षित पक्षियों की सूची में है शामिल
सारस (Stork Bird) वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत सरंक्षित पक्षी है. आईयूपीसीएन (IUCN) की रेड लिस्ट में ये एंडेजर्ड (संकटग्रस्त) पक्षी के रूप में शामिल है. वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 16 (सी) के अनुसार किसी भी जंगली पक्षी, सरीसृप को नुकसान पहुंचाना या घोंसलों को नष्ट करने वाले को 3 से 7 साल की जेल और 25 हजार रुपये जुर्माना हो सकता है. इस पक्षी के बारे में प्रचलित है कि ये जीवन भर एक ही साथी के साथ रहता है. यदि किसी कारण एक की मौत हो जाए तो दूसरा अपना जोड़ा नहीं बनाता है.

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