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महिला सम्मान के लिए ‘मिशन शक्ति ‘अभियान में 38000 अराजकतत्व चिह्नित, 5500 से अधिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

संसद और यूपी विधान मंडल के सत्र में महिला सुरक्षा का मुद्दा छाया हुआ है. महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे विपक्ष को सियासी पटकनी देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाए एक राज्य स्तरीय अभियान 'मिशन शक्ति ' के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए.

लखनऊ. संसद और यूपी विधान मंडल के सत्र में महिला सुरक्षा का मुद्दा छाया हुआ है. महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे विपक्ष को सियासी पटखनी देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाए एक राज्य स्तरीय अभियान ‘मिशन शक्ति ‘ के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए हैं. योगी सरकार ने दावा किया है कि यूपी पुलिस के महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की ओर से प्रदेश भर में महिलाओं एवं बेटियों के सशक्तिकरण के लिए 21 जुलाई से 7 अगस्त तक 17 दिवसीय महिला बीट व महिला हेल्प डेस्क अभियान का द्वितीय चरण चलाया गया.

33 हजार से अधिक को चेतावनी-काउंसिलिंग कर छोड़ा

अभियान के तहत थाना क्षेत्र के बीट पुलिस अधिकारियों (पुरूष एवं महिला बीट अधिकारी) द्वारा सादे कपड़ों में बीट क्षेत्र में महिला सुरक्षा से सम्बन्धित संवेदनशील एवं हॉट स्पाट क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए महिलाओं-बालिकाओं के साथ छेड़खानी करने वालों को चिन्हित कर उन्हे चेतावनी/ काउसिंलिंग करने के साथ आवश्यकतानुसार विधिक कार्यवाही की गयी. इस दौरान 38 हजार से अधिक अराजकतत्वों को चिन्हित किया गया. इनमें से 33 हजार से अधिक व्यक्तियों को चेतावनी और काउंसिलिंग कर छोड़ दिया गया. साढ़े पांच हजार से अधिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गयी. वहीं 511 के खिलाफ जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की गई.

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1119 अभियोग पंजीकृत, 276 व्यक्तियों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्यवाही

महिला बीट व महिला हेल्प डेस्क अभियान के द्वितीय चरण के तहत प्रदेश भर में कुल 34,246 महिला बीट एवं 34,970 महिला हेल्प डेस्क द्वारा 38,912 अराजकतत्वों को चिन्हित किया गया. इनमें से 33,030 व्यक्तियों को चेतावनी के साथ काउसिंलिंग करके छोड़ दिया गया. वहीं 1119 अभियोग पंजीकृत किये गये. इसके अलावा 630 व्यक्तियों के खिलाफ 110 सीआरपीसी के तहत एक्शन लिया गया. इसके साथ ही 276 व्यक्तियों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्यवाही की गयी. इतना ही नहीं 3761 व्यक्तियों के खिलाफ 151/107/116 सीआरपीसी की कार्यवाही की गई. अभियान के दौरान 511 व्यक्तियों के खिलाफ अन्य चालान/जुर्माना की कार्यवाही की गई. साथ ही छेड़खानी का पूर्व में इतिहास करने वाले 10,906 अभियुक्तों की चेकिंग और निगरानी की गयी.

बच्चों को गुड टच – बैड टच की जानकारी दी

महिला बीट द्वारा अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर 1905 मामलों को निस्तारण किया गया. साथ ही 8023 कोर्ट संबंधी आदेशों का तामीला कराया गया. अभियान के दौरान बीट क्षेत्र के प्राथमिक,उच्च माध्यमिक, इंटरमीडिएट स्कूल में दौरा करते हुए बच्चों को विभिन्न बाल अपराध के सम्बन्ध में जागरूक किया गया. इस बीच बच्चों को गुड टच और बैड टच की भी जानकारी दी गयी. इसके लिए विशेषज्ञों की ओर से सेमिनार का आयोजन किया गया.

सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया

कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मिशन शक्ति के चौथे चरण के तहत प्रदेश भर में महिला सशक्तिकरण को लेकर दस दिवसीय अभियान की शुरुआत की गयी थी, जो हर माह चलेगा. फिलहाल इस दस दिवसीय अभियान को एक हफ्ते यानी 7 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था. अभियान के दौरान प्रदेश की महिलाओं और बेटियों को विभाग की शक्ति दीदी (महिला आरक्षी) की ओर से विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया गया. साथ ही उन्हे इन योजनाओं का लाभ लेने में हो रही परेशानी को भी संबंधित विभाग से समन्वय बनाकर दूर किया गया.

चार लाख महिलाओं को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया: डीजीपी

कार्यवाहक डीजीपी ने बताया कि विभाग की ओर से महिलाओं और बेटियों को समस्या को दूर करने के लिए रोजाना एक्शन लिया जाता है, लेकिन इस अभियान के दौरान शक्ति दीदी ने फील्ड में उनसे संपर्क किया और उनकी समस्या को तत्काल निस्तारित कराया. उन्होंने बताया कि रूटीन के दिनों में यह संभव नहीं हो पाता है इसलिए यह निर्णय लिया गया था. अभियान के दौरान 83373 गांवों का भ्रमण किया गया. इस दौरान गांवों में 78,474 चौपालें लगायी गयी, जिसमें करीब 23 लाख से अधिक महिलाओं और 15 लाख से अधिक पुरुषों ने भाग लिया. चौपाल के दौरान करीब चार लाख महिलाओं को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया.

एक साल में साइबर क्राइम के 13155 केस दर्ज, 90 करोड़ रिकवर

उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी रही है, जिसका नतीजा ये हुआ है कि प्रदेश में अपराधों की संख्या में गुणात्मक सुधार आया है. इसी तर्ज पर योगी सरकार साइबर क्राइम को लेकर भी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत कार्य कर रही है. प्रदेश में साइबर क्राइम को लेकर जहां भी सूचना मिलती है, वहां पर न सिर्फ केस रजिस्टर किया जाता है बल्कि प्रभावी कार्रवाई को भी अंजाम दिया जाता है. विधानसभा में मंगलवार को एक सवाल के जवाब में सरकार की ओर से इसकी पुष्टि की गई है.

7570 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने एक सवाल के जवाब में विधानसभा में कहा कि साइबर क्राइम के मामलों में हुई कार्रवाई के परिणाम बताते हैं कि हम काम कर रहे हैं. जहां कहीं भी सूचना मिलती है वहां मुकदमे भी दर्ज होते हैं और उस पर कार्रवाई भी होती है. 2022 से मार्च 2023 तक साइबर क्राइम के 13155 केस दर्ज किए गए हैं. इस दौरान 4372 में चार्जशीट दायर हुई है. 4606 में फाइनल रिपोर्ट लगाई जा चुकी है, 45 खारिज हुए, जबकि 7570 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई. इसमें 89 करोड़ 45 लाख 67 हजार 617 रुपए की रिकवरी भी की गई. ये उदाहरण है कि जहां कहीं भी साइबर क्राइम की सूचना मिलती है उसे रजिस्टर करके कार्रवाई की जा रही है.

पूरी तरह से चरितार्थ की गई है जीरो टॉलरेंस पॉलिसी : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने कहा कि जब से प्रदेश में योगी सरकार आई है तब से अपराधों में कमी हुई है. जहां अपराध हुए हैं, वहां सख्त से सख्त सजा दी गई है. कुछ मामलों में ऐसी सजा दी गई है जो उदाहरण प्रस्तुत करती है. एनसीआरबी का आंकड़ा हो या लोकल आंकड़ा, अपराधों के प्रति सरकार ने जो जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है वो पूरी तरीके से चरितार्थ किया गया है. आज उत्तर प्रदेश एक मॉडल बना है पब्लिक परसेप्शन भी यही है कि कानून व्यवस्था की स्थिति पहले की सरकारों की तुलना में बहुत बेहतर है.

सर्वोदय व एकलव्य विद्यालय में चलेंगे जागरूकता कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के स्कूलों में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दे रही योगी सरकार अब छात्रों की साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी सजग है. खासतौर पर साइबर सेक्सुअल हैरेसमेंट के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए सरकार की ओर से गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में सर्वोदय विद्यालयों के छात्र छात्राओं को साइबर सुरक्षा देने के लिए समाज कल्याण विभाग ने इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) संस्था के साथ एमओयू किया है. विभाग संस्था के माध्यम से प्रदेश में संचालित समस्त 105 आवासीय सर्वोदय व एकलव्य विद्यालय के छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विकास के साथ-साथ समानांतर रूप से साइबर यौन शोषण से सुरकक्षा एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाएगा.

दो अध्यापकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा

एमओयू के अंतर्गत ‘ट्रेंड द ट्रेनर’ पद्धति से प्रत्येक विद्यालय के दो अध्यापकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर द्वारा छात्र-छात्राओं के खिलाफ साइबर शोषण, ऑनलाइन गतिविधियों के दौरान तनाव का मानसिक स्वास्थ्य पर असर, डिजिटल उपकरणों जैसे मोबाइल, टैब, कंप्यूटर इत्यादि को सुरक्षित रखने संबंधी तकनीकी जानकारी एवं कानूनी पहलुओं के संबंध में जागरूक किया जाएगा. इसके साथ ही छात्र-छात्राओं के प्री-इंटरवेंशन एवं पोस्ट-इंटरवेंशन सर्वेक्षण और काउंसलिंग कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. विद्यालयों में लिखित सामग्री, वीडियो, सॉफ्टवेयर एवं पोस्टर आदि के माध्यम से साइबर यौन शोषण संबंधी घटनाओं पर शिकायत दर्ज करने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा.

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जागरूकता का प्रसार ही बचाव का तरीका

कार्यक्रम के दौरान स्कूलों की कंप्यूटर लैब, टैब-लैब को भी साइबर सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक सॉफ्टवेयर एवं सुरक्षा मानकों को अपनाकर सुरक्षित किए जाने के संबंध में चर्चा की गई. राज्य मंत्री समाज कल्याण असीम अरुण ने कहा कि आईसीपीएफ़ संस्था के माध्यम से सर्वोदय विद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं के साइबर यौन शोषण की रोकथाम के लिए जागरूक कर मानसिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा. सुरक्षित इकोसिस्टम में छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास किया जा सके. वहीं आईसीपीएफ के सीईओ ओपी सिंह (पूर्व डीजीपी) ने कहा कि जागरूकता का प्रसार ही इस खतरे से निपटने और इसकी रोकथाम का एकमात्र इलाज है. समाज कल्याण विभाग के सहयोग से हम वंचित तबके को भी सुरक्षित कर सकेंगे.

हेड कॉन्स्टेबल से हुई थी 55 लाख की ठगी

उत्तर प्रदेश के बलिया के सेवानिवृत हेड कॉन्स्टेबल भुवनेश वर्मा के बैंक खाते से 55 लाख ररुपये की ठगी की गयी है. ठगी करने वाले में रेस्टोरेंट संचालक सोनू मंडल, उसका भाई पिंटू व रिंगोचिंगों गांव का रामकिशुन मंडल शामिल थे. साइबर ठगी के बाद बलिया के सेवानिवृत हेड कॉन्स्टेबल ने यूपी के आजमगढ़ साइबर थाना में 2021 में 55 लाख रुपये ठगी की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके बाद पुलिस जांच में जुटी थी.

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