लखनऊ: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती (UP Police Bharti) की नई परीक्षा तिथि घोषित कर दी गई है. इस बार पांच यदिन 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को परीक्षा होगी. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने परीक्षा तिथि का एलान किया है. सिपाही भर्ती परीक्षा को पेपर लीक के कारण निरस्त कर दिया गया था. ये परीक्षा कुल 60244 पदों के लिए हुई थी.
जन्माष्टमी के कारण परीक्षा तिथि में गैप
यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के अनुसार जन्माष्टमी त्योहार के कारण परीक्षा की तिथियों में अंतराल दिया गया है. 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को दो पालियों में परीक्षा होगी. प्रत्येक पाली में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी परीक्षा देंगे. पिछली बार दो दिन 17 व 18 फरवरी को परीक्षा का आयोजन किया गया था. इस बार सुरक्षित व फुल प्रूफ परीक्षा के लिए पांच दिन का समय लिया गया है.
परिवहन निगम की बसों में फ्री यात्रा की सुविधा
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए परिवहन निगम की बसों में फ्री सेवा उपलब्ध करायी जाएगी. बस से यात्रा करने वाले अभ्यर्थियों को अपने प्रवेश प्रत्र की दो प्रतियां अतिरिक्त रखनी होगी. एक प्रति उसे परीक्षा केंद्र के जिले तक जाने वाली बस के कंडक्टर को देनी होगी. इसके बाद लौटते समय दूसरी प्रति लौटने वाली बस के कंडक्टर को देनी होगी.
पेपर लीक करने वालों को आजीवन कारावास व एक करोड़ जुर्माना
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, जैसे प्रश्नपत्र लीक होना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ आदि को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 एक जुलाई, 2024 लागू कर दिया है. इस अधिनियम के अंतर्गत परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या नकल कराना, प्रश्न पत्र का प्रतिरूपण करना या प्रकट करना या प्रकट करने का षड्यंत्र करना आदि कृत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं और दंडनीय हैं. ऐसे प्रकरणों में एक करोड़ तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा, दोनों ही हो सकती है.
पेपर लीक के कारण रद्द हुई थी परीक्षा
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा को सीएम योगी आदित्यानाथ ने 24 फरवरी 2024 को निरस्त कर दिया था. ये परीक्षा 17 व 18 फरवरी को हुई थी. पेपर लीक सूचनाएं सामने आने के बाद छात्रों ने परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी और जमकर बवाल मचाया था. इसके बाद सीएम योगी ने एसटीएफ को पूरे मामले की जांच देते हुए छह माह के अंदर दोबारा परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए थे. यही भी निर्देश दिए थे कि छह माह बाद होने वाली परीक्षा में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा से अभ्यर्थियों को निःशुल्क आने-जाने की व्यवस्था की जाए.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे पेपर
यूपी पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा के पहले दिन 17 फरवरी को पहली पाली में पेपर लीक होने के आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर वीडिया शेयर किए थे. इसके बाद 18 फरवरी को दूसरे दिन परीक्षा खत्म होने तक कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. पहले तो इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन बाद में सरकार एक्टिव हुई थी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार पेपर लीके प्रकरण को लोकसभा सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उठाते रहे हैं.