UP Politics: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव ने नरेंद्र सिंह वर्मा को विधानसभा उपाध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित किया है. वे सीतापुर के महमूदाबाद से विधायक हैं. इसके अलावा चुनावी बिसात बिछाने के लिये सपा ने रविवार को सभी विधायकों को लखनऊ आने का आदेश जारी किया है.
बता दें कि यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 18 अक्टूबर की तारीख घोषित की है. इसके लिए नामांकन 17 अक्टूबर यानी रविवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक भरे जाएंगे. ऐसे में विधानसभा के उपाध्यक्ष के पद को लेकर सियासी दलों में शीत युद्ध चल रहा है. भाजपा ने पहले ही मन बना लिया है कि वह सपा छोड़कर बीजेपी में आये राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल के पुत्र और हरदोई से सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल पर अपना दांव लगायेगी.
हालांकि, उनके सहयोगी दल अपना दल (एस) ने अपना विरोध जताते हुये ऐलान कर दिया है कि प्रदेश में विधानसभा का उपाध्यक्ष किसी पिछड़े या अनुसूचित जाति के विधायक को बनना चाहिये. जाहिर है कि 18 अक्टूबर को होने वाले इस चुनाव को लेकर सभी दल अपने-अपने समीकरण को सफल बनाने की जुगत कर रहे हैं. अब देखना है कि अंत में किसकी मुराद पूरी होती है.
बता दें कि साल 2019 में नरेश ने सपा को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि उनके आने के बाद से पार्टी को लाभ भी हुआ. मगर इसके बदले न तो उनको प्रदेश भाजपा में कोई अहम जिम्मा दिया गया और न ही राज्यसभा का रास्ता दिखाया गया है. ऐसे में यह चुनाव काफी रोचक हो चला है.
Posted By: Achyut Kumar