यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में बेरोजगारी (Unemployment) एक अहम मुद्दा रहेगा. विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रही है. इसी को देखते हुए सरकारी नौकरी (Government Job) के अलावा गांवों में भी मानदेय पर 1 लाख लोगों को रोजगार देने की तैयारी प्रदेश सरकार कर रही है.
बता दें, कोरोना काल में रोजगार छिनने से काफी लोग बेरोजगार हुए हैं. प्रदेश में भी बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हैं. प्रवासी श्रमिकों में से भी कई श्रमिक तीसरी लहर के भय से अभी गांव में ही रुके हुए हैं. लिहाजा सरकार ने ऐसे लोगों को गांवों में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए कुछ विभागों में मानदेय पर भर्तियां शुरू की है.
बीते दिनों कैबिनेट बैठक में 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में हर ग्राम पंचायत में एक पंचायत सचिव कम अकाउंटेंट नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया है. प्रत्येक पंचायत सचिव को छह हजार रुपये महीने मानदेय दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इसकी प्रक्रिया छह महीने में पूरी करने के निर्देश दिए हैं ताकि विधानसभा चुनाव से पहले 58 हजार से अधिक युवाओं को मानदेय पर रोजगार मिल सके. इसके साथ ही सरकार शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने पर भी विचार कर रही है.
इसके साथ ही प्रदेश सरकार मनरेगा में कामकाज के पर्यवेक्षण के लिए 22 हजार महिला मेठ की नियुक्ति करेगी, जिनका चयन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए किया जाएगा. प्रत्येक महिला मेठ को 8 हजार 400 रुपये प्रति महीने मानदेय मिलेगा. मनरेगा नियमों के मुताबिक, 50 श्रमिकों के कामकाज पर निगरानी के लिए एक मेठ की नियुक्ति का प्रावधान है.
प्रदेश सरकार ने 50 प्रतिशत महिला मेठ नियुक्त करने का निर्णय लिया है. प्रदेश में वर्तमान में करीब 22 लाख से अधिक श्रमिक प्रतिदिन मनरेगा में काम कर रहे हैं. ऐसे में करीब 44 हजार मेठ नियुक्त होने है, इनमें से 22 हजार महिला मेठ नियुक्त की जाएंगी.
महिला मेठ को अर्द्ध कुशल श्रमिक के बराबर (320 से 405 रुपये) प्रतिदिन की दर से महीने में 26 दिन का मानदेय दिया जाएगा. मेठ नियुक्ति की कवायद शुरू हो गई है. मेठ को उनके कामकाज के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
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प्रदेश सरकार सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपने की तैयारी में है. 35 हजार 512 ग्राम पंचायतों में महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को शौचालय संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी. इसके लिए समूह की एक महिला को छह हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा. वहीं शौचालय में साफ-सफाई की सामग्री व उपकरण खरीदने के लिए तीन हजार रुपये महीने अतिरिक्त दिया जाएगा.