लखनऊ: लखीमपुर के तिकुनिया का मनजीत चौहान (25) भी अन्य मजदूरों के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसा है. कुछ ही घंटों में उसके परिवार को भी खुशखबरी मिलेगी. इससे पहले ही उसके गांव और परिवार में मिठाई बांटने का दौर चल रहा है. परिवारीजनों की मानें तो मनजीत बीते माह सितंबर में उत्तरकाशी मजदूरी करने गया था. इसके बाद अचानक दिवाली वाले दिन खबर मिली की वह सुरंग में फंस गया है. इससे पूरा परिवार चिंतित हो गया. जब पता लगा कि सभी 41 मजदूर सुरक्षित हैं तो उनकी जान में जान आयी. मनजीत के परिवार में उसके पिता, दो बहनें और भाभी हैं. बड़े भाई की मुंबई में दुर्घटना में मौत हो चुकी है. पूरे परिवार का खर्च मनजीत ही चलाता है. अब उसकी जान पर भी बन आयी है.
मनजीत की मां ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘वह बहुत खुश हैं. मनजीत उनका इकलौता लड़का है. 17 दिन बाद आज हमार भैया दुनिया देखी, अंधेरे से बाहर आ जायी. ए कै हमार लड़का रहै, वहाै 17 दिन फंसा रहा. कैसे गुजारेन 17 दिन प्रार्थना करत करत.’
उधर मनजीत के पिता बेटे के सुरंग में फंसे होने की जानकारी के बाद लखीमपुर से उत्तरकाशी पहुंच गये थे. वह लगातार बेटे के सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना कर रहे थे. मंगलवार देर रात जब मनजीत सुरंग से बाहर निकला तो पिता ने उसे गले से लगा लिया. मनजीत अपने परिवार का इकलौता बेटा है. वह बड़े भाई की मौत के बाद परिवार के लिये एकमात्र सहारा है. मनजीत के पिता ने कहा कि वह उसे कहीं बाहर नहीं जाने देगा.
उधर घर पर मनजीत के सकुशल बाहर आने की सूचना के बाद मां व बहन भी खुश हैं. सभी ईश्वर और उत्तराखंड प्रशासन को धन्यवाद दे रहे हैं, जिनकी कोशिशों से उनके भाई-बेटे सहित सभी 41 मजदूर सुरंग से बाहर आ सके हैं.
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