अगर आप इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का मन बना रहे हैं और चार्जिंग की समस्या के बारे में सोच विचार कर रहे हैं तो टेंशन फ्री हो जाइए. क्योंकि योगी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के प्रमुख शहर लखनऊ, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद में सब से अधिक ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने जा रही है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन मालिक को राहत मिलेगी. फिलहाल ई-चार्जिंग स्टेशन शाहजहांपुर में बनाने के लिए लक्ष्य बाद में तय किया जाएगा. राज्य सरकार शहरों में अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को चलवाने के लिए नीति लेकर आई है. मौजूदा समय एसी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं. दो पहिया के साथ ही चार पाहिया वाहन भी तेजी से बाजार में आ रहे हैं. इन वाहनों को चार्ज करने के लिए अभी तक पर्याप्त व्यवस्था नहीं हैं. इसीलिए पहले चरण में सभी बड़े शहरों में जरूरत वाले स्थानों पर ई चार्जिंग की सुविधा देने का फैसला किया है.
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विशेष सचिव आवास उदय भानु त्रिपाठी ने इस संबंध में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों के साथ ही जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं. इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत विकास प्राधिकरणों में पब्लिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था की जानी है. इसलिए तय समय के अंदर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए जरूरत के आधार पर स्थान और जमीन की व्यवस्था की जाएगी. विकास प्राधिकरणों को दो चरणों में यह सुविधा देनी होगी. उदाहरण के लिए लखनऊ में आठ जोन बनाते हुए 24 ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. पहले चरण में सात और दूसरे चरण में 17 चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था करनी होगी. लखनऊ में यह सभी सुविधाएं 631 वर्ग किलो मीटर के दायरे में दी जाएंगी. इसी तरह अन्य शहरों में भी इसके लिए दूरी तय कर दी गई है.
लखनऊ 24, कानपुर 15, गोरखपुर 14, झांसी 10, अयोध्या 10, प्रयागराज 14, वाराणसी 10, आगरा 11, अलीगढ़ 10, मेरठ 20, मुरादाबाद 10, बरेली 10, सहारनपुर 10, मथुरा 10, गाजियाबाद 15 व फिरोजाबाद में 10 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे.
गोरखपुर बिजली निगम ई-बस चार्जिंग स्टेशन के लिए 2 एमवीए का पॉवर स्टेशन बनाएगा. इसके लिए अंडरग्राउंड केबल बिछाई जाएगी. ई-बस चार्जिंग स्टेशन बन जाने से एक साथ करीब 50 बसें चार्ज हो सकेंगी. बताया जा रहा है कि भविष्य में ई-बस चार्जिंग स्टेशन को सौर ऊर्जा से लैस किया जाएगा. बता दें, ई-बस चार्जिंग स्टेशन के निर्माण की जिम्मेदारी जल निगम की कार्यदायी संस्था सीएनडीएस को है.
सीएनडीएस ने प्रपोजल तैयार कर शासन को भेज दिया है. अनुमति मिलते ही निमार्ण कार्य शुरू हो जाएगा. कोनी में ई-बस चार्जिंग स्टेशन बन जाने से इलेक्ट्रिक बसों का निर्बाध संचालन हो सकेगा. इलेक्ट्रिक बस एक बार चार्ज होने पर 120 किमी तक चलती है. इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति ने महेसरा और कोनी के बाद सहजनवां, कौड़ीराम और भटहट में भी इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन के निर्माण की योजना बनाई है. इसके लिए भी जमीन की तलाश की जा रही है.
इलेक्ट्रिक बसों का विस्तार महानगर के अलावा चौरीचौरा, गोला और बड़हलगंज तक किया जाना है. जल्द ही 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है, जिसमें 25 बसों के जल्द मिलने की संभावना है. 29 दिसंबर 2021 से महानगर में इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं. वर्तमान में महानगर के आठ रूटों पर 27 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हैं. इन बसों के लिए महेसरा में चार्जिंग स्टेशन बनाया गया है. रास्ते में चार्ज समाप्त होने के बाद बसों को महेसरा डिपो जाना पड़ता है. ऐसे में बसों का संचालन प्रभावित होता है. चार्जिंग बस स्टेशन बन जाने से सफर आसान हो जाएगी.
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