Mahakumbh Mela Stampede: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में अमृत स्नान से पहले मची भगदड़ के बाद अखिलेश यादव की सरकार में कद्दावर मंत्री रहे आजम खान चर्चा में आ गए हैं. वर्ष 2013 में जब कुंभ मेला लगा था, तब आजम खान ही कुंभ के प्रभारी मंत्री थे. इसी दौरान इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई और 36 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. इस हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए आजम खान ने प्रभारी मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया था.
आजम खान ने कहा था- हादसे से दुखी हूं, सारी रात सो नहीं पाया
इस्तीफा देते हुए आजम खान ने तब कहा था, ‘हादसा कुंभ मेला क्षेत्र से बाहर (रेलवे स्टेशन पर) हुआ है. फिर भी मैं इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं और कुंभ मेले के प्रभारी पद से इस्तीफा दे रहा हूं. इस दर्दनाक हादसे से मैं बहुत दुखी हूं. सारी रात सो नहीं पाया. मैं अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेज रहा हूं.’ आजम खान ने यह भी कहा था, ‘हमने कुंभ मेले की अच्छी से अच्छी व्यवस्था करने में अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है.’
भगदड़ की वजह से मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान नहीं करेंगे अखाड़े
महाकुंभ मेले में भगदड़ के बाद बुधवार को मौनी अमावस्या पर अखाड़ों ने अमृत स्नान नहीं करने का निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कुंभ मेला की स्थिति पर बातचीत की. उधर, मेला के लिए विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा ने बताया कि संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं.
महानिर्वाणी अखाड़ा बिना अमृत स्नान किये ही लौटा
इस बीच, अमृत स्नान करने के लिए पहुंचा प्रथम अखाड़ा महानिर्वाणी बिना स्नान किए ही लौट गया. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, ‘अखाड़ा परिषद ने आज की घटना को देखते हुए यह निर्णय किया कि आज हम सभी अखाड़े अमृत स्नान नहीं करेंगे.’
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आजम को कुंभ मामलों का मंत्री बनाने पर संघ ने उठाये थे सवाल
वर्ष 2013 के कुंभ मेले के दौरान आजम खान को कुंभ मामलों का मंत्री बनाये जाने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सवाल उठाये थे. वहीं अखिलेश यादव ने आजम खान की जमकर तारीफ की थी. संघ ने कहा था कि आजम खान कुंभ में क्या कर रहे थे? ऐसी जगह पर किसी ऐसे व्यक्ति को हना चाहिए था, जो धार्मिक आयोजन के प्रति सहानुभूति रखता हो. उसके प्रति समर्पित हो. आजम में ये तीनों ही बातें नहीं थीं. इतना ही नहीं, संघ ने यह भी कहा था कि महाकुंभ में करोड़ों लोग आते हैं. इसकी जिम्मेदारी एक मुस्लिम मंत्री को दी गई. अगर कोई हिंदू मंत्री होता, तो ऐसी घटना नहीं होती.
अखिलेश यादव ने जमकर की थी आजम खान की तारीफ
उधर, तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आजम खान की तारीफ करते हुए कहा था कि आजम खान मेला कमेटी के चीफ बने रहेंगे. मुख्यमंत्री का मानना था कि आजम खान ने पूरे समर्पण और जिम्मेदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाई. उन्होंने विपक्ष की आलोचना की कतई परवाह नहीं की और आजम खान का इस्तीफा स्वीकार करने से मना कर दिया.
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