Maneka Gandhi: इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से सुल्तानपुर की पूर्व बीजेपी सांसद मेनका गांधी को जोर का झटका लगा है. हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मेनका गांधी की ओर से सुल्तानपुर लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी के रामभुआल निषाद के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस याचिका को समय सीमा के उल्लंघन और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 81 और 86 के खिलाफ माना है.
आपराधिक मामलों के लेकर दायर किया गया था याचिका
मेनका गांधी ने अपनी याचिका में कहा था कि रामभुआल निषाद के खिलाफ कुल 12 आपराधिक मामले लंबित हैं. जबकि चुनाव के लिए दाखिल हलफनामे में उन्होंने सिर्फ आठ मामलों का ही जिक्र किया था. उन्होंने अपनी याचिका में यह भी कहा कि हलफनामे में आपराधिक पृष्ठभूमि के मामलों का खुलासा न करना या इसे छिपाना भ्रष्ट आचरण में शामिल है.
समय सीमा से बाधित थी याचिका
हाई कोर्ट ने मेनका गांधी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनकी याचिका सीमा से बाधित थी. बता दें यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत दी गई 45 दिन की अवधि से सात दिन बाद दायर की गई थी. जिसके कारण हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. बता दें, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 81 के तहत कहा गया है कि किसी भी चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को चुनाव परिणाम घोषित होने के 45 दिनों के भीतर ही दायर किया जाना चाहिए.
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