Mathura Shahi Idgah Case: सोमवार को जब इस मामले में सुनवाई शुरू हुई तो अदालत को बताया गया कि कुछ मुकदमों में संशोधन पर आपत्तियां दाखिल नहीं की गई हैं. मुकदमों में संशोधन की यह मांग हिंदू पक्ष की ओर से की गई है. वहीं मुस्लिम पक्ष की ओर से 11 जनवरी, 2024 के आदेश को वापस लेने की मांग के साथ एक आवेदन दाखिल किया गया है. इसी आदेश के तहत सभी 18 मुकदमों पर एक साथ सुनवाई की जा रही है.
जस्टिस मयंक कुमार जैन की अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है
जस्टिस जैन ने एक अगस्त, 2024 को हिंदू पक्ष के मुकदमों को चुनौती देने वाले मुस्लिम पक्ष के आवेदन खारिज कर दिए थे और कहा था कि हिंदू पक्ष के सभी मुकदमे सुनवाई योग्य हैं. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि ये मुकदमे समय सीमा, वक्फ अधिनियम और पूजा स्थल अधिनियम, 1991 से बाधित नहीं हैं. पूजा स्थल अधिनियम किसी भी धार्मिक ढांचे को जो 15 अगस्त, 1947 को मौजूद था, उसे परिवर्तित करने से रोकता है. हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाने के बाद जमीन का कब्जा लेने और मंदिर बहाल करने के लिए 18 मुकदमे दाखिल किए हैं.
क्या है मथुरा विवाद
यह विवाद मथुरा में मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है जिसे कथित तौर पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष (शाही ईदगाह की प्रबंधन समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड) ने इन मुकदमों का विभिन्न आधार पर विरोध किया है.