Police Constable Exam : यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने बलिया के हल्दी थाना क्षेत्र के गायघाट गांव निवासी नीरज कुमार यादव उर्फ राहुल यादव को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उसने परीक्षा के पूर्व ही परीक्षार्थियों को व्हाट्सएप के जरिये आंसर भेजा था. आरोपी नीरज यादव खुद को सेना का जवान बताकर लोगों से जालसाजी करता था. जानकारी के मुताबिक नीरज भारतीय सेना की भर्ती परीक्षा में छंट गया था, लेकिन वह आर्मी का जवान बन कर नौजवानों को भ्रमित करता था. अलग-अलग परीक्षाओं में सेंधमारी कर परीक्षा पास कराने का भरोसा देकर मोटी रकम वसूलता था. उसने यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए 17 और 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा का पेपर भी एग्जाम शुरू होने के काफी पहले ही प्राप्त कर लिया था. उसके जवाब भी व्हाट्सएप के जरिए भेज दिए थे. इसके बाद पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसको लेकर अभ्यर्थियों ने लखनऊ में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद योगी सरकार ने पेपर को निरस्त करते हुए जांच की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंप दी. एसटीएफ ने अपनी शुरुआती जांच में पेपर लीक गिरोह के प्रमुख सदस्य रहे नीरज कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि बलिया जिले में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दिन अलग-अलग थाना क्षेत्रों से पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनके पास से अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र, आधार कार्ड और मोटी रकम के साथ उत्तर कुंजी की फोटो कॉपी भी बरामद हुई थी. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई थी कि गिरफ्तार युवकों के पास से बरामद उत्तर कुंजी परीक्षा प्रश्न पत्र से मेल खाती थी या नहीं. अब नीरज कुमार यादव के गिरफ्तार होने के बाद हड़कंप मच गया है. नीरज ने एसटीएफ को पेपर लीक मामले में अहम सुराग दिया है. इसी के आधार पर पुलिस उन सभी लोगों को गिरफ्तार करने में जुटी है जो किसी न किसी रूप में इस कांड में शामिल थे.
नीरज व गिरफ्तार सॉल्वरों के बीच कड़ी जोड़ने में जुटी पुलिस
एसटीएफ नीरज यादव की गिरफ्तारी के बाद बलिया पुलिस से संपर्क साधने के प्रयास में है. पुलिस उसकी केस हिस्ट्री खंगाल रही है. नीरज की गिरफ्तारी के बाद गृह जिला होने के कारण पुलिस उसके तार पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान पकड़े गए सॉल्वरों से जोड़ने की कोशिश कर रही है. पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया कि कोर्ट की अनुमति के बाद पकड़े गए सॉल्वरों से नीरज यादव को लेकर पूछताछ होगी. क्योंकि गिरफ्तार कई अभियुक्तों के पास उत्तर कुंजी मिली थी.
कानपुर में एसटीएफ ने अब तक 6 को किया गिरफ्तार
वही कानपुर में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में अभ्यर्थियों को पेपर बेचने के आरोपी वकील आशीष सचान को घाटमपुर के एक गांव के रहने वाले युवक ने पेपर पहुंचाया था. अब तक की पूछताछ में यह बात सामने आई है. पता चला है कि एक रात पहले ही आरोपी आशीष को प्रश्नपत्र की कुंजी मिल गई थी, जिसके एवज में पांच लाख रुपए की डिमांड की गई थी. साठ हजार रुपए एडवांस के तौर पर भी दिए गए थे और बाकी रकम परीक्षा परिणाम आने पर दी जानी थी लेकिन वकीलों के हंगामे के बाद पुलिस उस युवक तक नहीं पहुंच सकी जिसके बाद अब स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ भी उस युवक की तलाश में जुट गई है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि अब उस युवक से ही पुलिस को पेपर लीक की अगली कड़ी का पता चल सकेगा. अब तक की जांच से पता चला है कि जिस प्रदीप कुमार के 18 फरवरी के नकल सामग्री के साथ पकड़े जाने के बाद कानपुर में पेपर लीक कांड का खुलासा हुआ था, उसके दो भाइयों संदीप कुमार और सुदीप उर्फ राजू और पिता रामनाथ ने उसे सिपाही बनाने के लिए हर हथकंडा अपनाया था. आवेदन करने के लिए पहले फर्जी दस्तावेजों के सहारे उम्र में आठ से दस साल की कमी की. इसके बाद दोबारा हाईस्कूल व इंटर कराया और फिर सिपाही भर्ती की परीक्षा में बैठा दिया. परीक्षा में अच्छे अंक आएं, इसके लिए पेपर के जवाब भी जुटाने के लिए हाथ पांव मारने शुरू किए. सूत्रों के अनुसार इसी दौरान बड़े भाई सुदीप उर्फ राजू की नौबस्ता निवासी अंकित से पहले से जान पहचान थी. इसी दौरान जब उसने भाई के परीक्षा में बैठने की बात कही, तो अंकित ने उसे प्रश्नपत्र पहले ही उपलब्ध कराने की बात कही.
प्रदीप के दोनों भाइयों और पिता को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा
चूंकि सुदीप अंकित को लंबे समय से जानता था, इसलिए दोनों के बीच पांच लाख में सौदा तय हो गया. इसके बाद भाइयों और पिता ने मिलकर साठ हजार रुपए का इंतजाम किया और अंकित को दे दिए. बाकी रकम परीक्षा परिणाम आने के बाद दी जानी थी. जांच में यह बात सामने आने के बाद पुलिस ने प्रदीप के दोनों भाइयों और पिता को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. साथ ही अंकित की तलाश में जुट गई. तीन दिन पहले अंकित पुलिस के हत्थे चढ़ गया. उससे लंबी और कई राउंड की पूछताछ की गई तो उसने बसंत विहार निवासी वकील आशीष सचान का नाम उगल दिया. हालांकि, उसे यह नहीं पता था कि आशीष को प्रश्नपत्र कहां से मिला. तो पुलिस ने वकील की तलाश शुरू की किराए पर रह रहे आशीष को हिरासत में ले लिया. जेल भेजे जाने से पहले आशीष ने घाटमपुर के रहने वाले एक युवक के बारे में पुलिस को बताया था जिसने उसे पेपर की कुंजी मुहैया कराई थी. पुलिस की एक टीम घाटमपुर रवाना होने वाली थी कि अधिवक्ताओं ने थाने पहुंचकर हंगामा कर दिया और आशीष को पेपर सप्लाई करने वाला आरोपी पुलिस की पकड़ में आने से पहले ही दूर हो गया. अब पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ की एक टीम भी उस आरोपी की तलाश में जुट गई है.
इस ताऱीख वाला परीक्षा का पेपर भी लीक होने की संभावना
जांच में पता चला है कि वकील को लीक प्रश्नपत्र परीक्षा से एक रात पहले ही मिल गया था. 18 की परीक्षा में प्रदीप के पकड़े जाने पर मामला खुला लेकिन संभावना है कि 17 फरवरी की परीक्षा के प्रश्नपत्र भी उसके पास थे जिसे औसतन चार से पांच लाख रुपए में बेचा. पुलिस सूत्रों के अनुसार वकील ने कम से कम आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को प्रश्नपत्र और जवाब मुहैया कराए हैं. व्हाट्सएप चैट रिकवर होने पर इस बात की पुष्टि हो सकती है. पेपर लीक मामले की जड़ों की तलाश करते हुए एसटीएफ की एक टीम ने कानपुर शहर के कई कोचिंग संस्थानों के दरवाजे पर दस्तक दी. इस दौरान बर्रा से लेकर कई अन्य पेपर लीक कांडों में चर्चा में रहे काकादेव कोचिंग मंडी के भी कुछ कोचिंग संचालकों से जानकारी जुटाई. इसके अलावा टीम ने गोविंदनगर में दर्ज मामले की जांच से जुड़े अधिकारी से संपर्क कर जानकारी ली. सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी से पहले आरोपियों ने अपने-अपने मोबाइल से वाट्सएप का पूरा डाटा डिलीट कर दिया था. पुलिस उनका डेटा रिकवर कराने का प्रयास कर रही है, ताकि पेपर लीक कांड के गिरोह के सदस्यों और सरगना के बारे में जानकारी मिल सके. साथ ही यह भी पता करने में जुटी है कि आशीष ने अंकित के अलावा और किस किस को लीक हुए पेपर व उत्तर कुंजी भेजी.
अभ्यर्थियों और कानपुर में पकड़े गए आरोपियों के बीच लिंक की जांच
इसके साथ ही पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या सिर्फ 18 फरवरी का ही प्रश्नपत्र लीक हुआ था या फिर 17 फरवरी को हुई परीक्षा का पेपर भी किसी अभ्यर्थी को भी मुहैया कराया गया था. वहीं एसटीएफ अब प्रदेश के अन्य जिलों, खासकर कानपुर से सटे लखनऊ व अन्य जिलों में हुई पेपर लीक की घटना में शामिल रहे अभ्यर्थियों और कानपुर में पकड़े गए आरोपियों के बीच कोई लिंक है या नहीं. इससे यह भी पता चल सकेगा कि कानपुर में पेपर लीक लोकल स्तर पर हुआ या किसी अन्य जिले से मुहैया कराया गया. वहीं वकील आशीष सचान की पैरवी के लिए गोविंदनगर थाने पहुंचे लायर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हर्ष कुमार और अन्य वकीलों के साथ मारपीट के मामले में सोमवार को वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एडिशनल सीपी विपिन मिश्रा से मुलाकात की. इस दौरान मारपीट करने के आरोपी इंस्पेक्टर विक्रम सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर विभागीय कार्रवाई की मांग की. इस दौरान सीएम के नाम संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा. मुलाकात करने वालों में दिलीप कुमार, नवीन यादव, राघवेंद्र आदि शामिल थे.