Successful Story: कोरोना काल के आपदा को उत्तर प्रदेश के एक नव युवक किसान ने अवसर में बदलने का काम किया है. यूपी के बिजनौर जिले निवासी ऋतुराज सिंह की ने कोरोना काल में घर रहकर खेती करने की ठानी. आज के समय में वे घर बैठे सालाना 10 लाख रुपए तक की कमाई कर रहे हैं. आइए जानते हैं बिजनौर के ऋतुराज सिंह की सक्सेस स्टोरी.
लॉकडाउन में आया खेती करने का विचार
बिजनौर के ऋतुराज बताते हैं कि जब कोरोना के समय लॉकडाउन लगा. तो बड़े शहरों में डर का माहौल था. मैं जब अपने गांव (उमरी) पहुंचा तो मुझे एक सुकून और शांति का एहसास हुआ. गांव की हरियाली, चिड़ियों की चहकती आवाज और गांव की शांति को महसूस करते करते 3 महीने 3 कब गुजर गए पता ही नहीं चला.पूरा परिवार एक दिन साथ बैठा था. उसी समेय पापा ने कहा है कि मैं अपने गांव में ड्रैगन फ्रूट की खेती करना चाहता हूं. उसी समय मैंने तय कर लिया कि मुझे अपने आगे का जीवन खेती और किसानी में ही तलाशना है. इसी के साथ ऑर्गेनिक खेती करके इस क्षेत्र में क्रांति लानी है. (ऋतुराज ने ये जानकारी इंडिया टुडे से बातचीत में दी है)
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3 बीघा से शुरू की ड्रैगन फ्रूट की खेती
ऋतुराज सिंह ने सबसे पहले साल 2020 कोरोना काल के समय ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआत 3 बीघा जमीन से की. ऋतुराज ने आगे बताया कि 3 बीघा के खेती में कम से कम 5 से 6 लाख रुपए तक का लागत लगता है. इस खेती में सबसे ज्यादा खर्च सीमेंट के पोल्स पर आता है. ऐसा इस लिए क्योंकि ड्रैगन फ्रूट बेल की तरह चलता है. इसी वजह से खेत में सीमेंट का पोल लगाना होता है. ऋतुराज सिंह ने इस साल यानी 2024 में तीन बीघा से बढ़ाकर 6 बीघा जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं.
जानें 6 बीघा में कितनी हो रही कमाई
कमाई की जानकारी देते हुए ऋतुराज ने आगे बताया कि 2021 में 3 बीघा से 4 क्विंटल ड्रैगन फल तैयार हुई. 200 रुपए प्रतिकिलो की रेट से 80 हजार कमाया. वे आगे बताते हैं कि साल 2022 में ड्रैगन फल की पैदावार दोगुनी हो गई. 220 प्रति किलो की रेट से 176000 रुपए का मुनाफा हुआ. 2024 में चार बीघा जमीन पर 15 से 20 क्विंटल फसल की पैदावार हुई. इसमें उनको 4 लाख से ज्यादा का मुनाफा हुई. 2024 में 40-45 क्विंटल फसल की उगाई से उन्हें करीब 10 लाख रुपए की कमाई हुई. ऋतुराज सिंह बताते हैं कि इस खेती में लाभ कमाने के लिए सब्र और वेट करना जरूरी है.
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जानें कैसे होती है ड्रैगन फ्रूट खेती की सिंचाई
ऋतुराज ने बताया कि वे अपने फार्म पर सिंचाई करने के लिए स्प्रिंकलर, रेन गन और ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल करते हैं. ड्रिप इरिगेशन से पानी की ज्यादा बचत होती है. इसकी वजह से केवल पेड़ को जरूरत जितना ही पानी संचित होता है. इससे नमी बनी रहती है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती किस महीने में होती है?
ऋतुराज ने बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट की खेती फरवरी से अक्टूबर महीने में बेस्ट होती है. इसके लिए 25 से 30 डिग्री का तापमान अनुकूल माना जाता है. ढऋुराज बताते हां कि उन्होंने अपना एक लोकल मार्केट तैया किया है. उनकी पूरी फसल वहीं पर बिक जाती है. शेष बचा हुआ फसल वे गुड़ग्राम के व्यापारी को बेच देते हैं.