UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी पूरी चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा देने का निर्देष दिया था. कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा राज्य सरकार की वेबसाइट में अपलोड करना था. परंतु इस आदेश के बाद करीब 2.45 लाख राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया. अब ऐसे ही कर्मचारियों के खिलाफ सूबे की योगी सरकार ने कड़ाई दिखाई है. प्रदेश सरकार ने ब्यौरा न देने वाले अधिकारीयों का अगस्त महीने का वेतन रोक दिया है.
अब तक कुल 71 फीसदी कर्मचारियों ने ही दिया संपत्ति का ब्योरा
उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के कर्मचारियों एवं अधिकारीयों को मिले निर्देष के बाद अबतक कुल लगभग 71 फीसदी कर्मचारियों ने ही अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा दिया है. बताते चलें कि सूबे की योगी सरकार ने राज्य में आईएएस, आईपीएस, पीपीएस, पीसीएस अफसरों की तर्ज पर राज्य कर्मचारियों को भी ऑनलाइन संपत्तियों का ब्यौरा देना अनिवार्य कर दिया गया है. हालांकि अभी तक शिक्षकों, निगम कर्मचारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी साझा करना आवश्यक नहीं है.
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राज्य गृह मंत्रालय विभाग ने मांगा और थोड़ा समय
डीजीपी मुख्यालय ने नियुक्ति विभाग को पत्र भेजकर उनके कार्मिकों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कुछ और समय दिए जाने का अनुरोध किया है. डीजीपी मुख्यालय द्वारा लिखे इस पत्र में कहा गया है कि त्योहारों और पुलिस भर्ती परीक्षा के कारण तमाम पुलिस कर्मी समय से अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने में असमर्थ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो अब गृह विभाग के लिए यह तिथि बढ़ सकती है.
संपत्ति की जानकारी देने के बाद ही जारी हो सकेगा वेतन
उत्तर प्रदेश प्राशासन के कर्मचारियों के वेतन रोकने के सख्त फैसले के बाद अब माना जा रहा है कि जिन अधिकारियों-कर्मचारियों का अगस्त माह का वेतन रोका गया है, इसे तभी जारी किया जाएगा, जब वे अपनी संपत्ति की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे.