वाराणसी: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में हिंदू आचार संहिता जारी होगी. काशी विद्वत परिषद ने इस आचार संहिता को तैयार किया है. इसमें पूजा-पाठ से लेकर हिंदुओं के अधिकतर संस्कारों के नियम में बदलाव होने की संभावना है. महाकुंभ में इस पर मुहर लगने के बाद इसे विधिवत जारी किया जाएगा.
351 साल बाद बनी आचार संहिता
बताया जा रहा है कि 50 से अधिक विद्वानों की टीम काशी विद्वत परिषद के निर्देशन में इस हिंदू आचार संहिता को बनाने का कार्य कर रही थी. इसे बनाने में श्रीमद्भागवद गीता, रामायण, महाभारत, पुराणों, मनु स्मृति, पराशर स्मृति, देवल स्मृति की भी मदद ली गई है. 351 साल बाद आचार संहिता बनकर तैयार हुई है. विद्वानों की जिस टीम ने आचार संहिता को बनाया है, उसमें 70 विद्वानों की 11 टीम, तीन उप टीम शामिल हैं. हर टीम में उत्तर और दक्षिण के पांच-पांच विद्वानों को रखा गया था.
दिन में होंगे हिंदू विवाह, महिलाएं भी कर सकेंगी यज्ञ
हिंदू आचार संहिता में पूजा-पाठ, संस्कारों, विवाह, मंदिर जाने व बैठने के तरीकों के नियमों को बनाया गया है. महिलाओं को भी वेद अध्ययन और यज्ञ करने की अनुमति आचार संहिता में दी गई है. लेकिन इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं. हिंदू विवाह रात की जगह दिन में करने के लिए भी इसमें सलाह है. मृत्यु के बाद भोज के नियम में बदलाव किया या है. ऐसे संस्कार जिनका पश्चिमीकरण किया जा रहा है, जैसे जन्मदिन आदि को भारतीय पंरपरा से करने के लिए भी इसमें कहा गया है. पोडश संस्कारों को भी सरल बनाया गया है. महाकुंभ में शंकराचार्य व महामंडलेश्वर से हिंदू आचार संहिता पर अंतिम मुहर लगवाई जाएगी. इसके बाद इसे देश भर में बांटा जाएगा.