Success Story: कहते हैं कि अगर आप किसी चीज को ठान लें तो मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियां भी आपको आपके लक्ष्य से दूर नहीं रख पाती, ऐसा हो सकता है कि आपको कई बार निराशा का सामना भी करना पड़े लेकिन अंत में सफलता आपके कदम चूमती है. आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही एक कहानी उत्तराखंड के रानीखेत के रहने वाले दीपक सिंह बिष्ट की जिन्होंने 11 असफल प्रयासों के बाद भी अपने जज्बे को कम नहीं होने दिया और 12वें प्रयास में सीडीएस की परीक्षा पास की और आर्मी में ऑफिसर बन गए. इनकी सफलता की कहानी ऐसी है जिसे जानकर कोई भी इंसान प्रेरित हो जाए.
पिता दिल्ली में चलाते हैं ढाबा
दीपक के पिता दिल्ली में एक ढाबा चलाते हैं और उनकी मां एक गृहणी हैं. दीपक के माता पिता जब वे छोटे थे तभी अपने व्यवसाय और दीपक की पढ़ाई के लिए उत्तराखंड छोड़ के दिल्ली आ गए और उनके पिता ने दिल्ली में एक ढाबा खोला. दीपक के पिता ने कभी भी अपने बेटे से ढाबे का काम देखने को नहीं कहा, वो चाहते थे कि उनका बेटा पूरी तरह से अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे और अपने लक्ष्य को हासिल करे.
कैसा रहा दीपक के पढ़ाई का सफर?
दीपक ने अपनी शुरुआती पढ़ाई उत्तराखंड में अपने घर के पास के एक स्कूल से की. इसके बाद वे अपने परिवार के साथदिल्ली आ गए और वहां उन्होंने सूरजमल विहार के राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से इंटर पास किया. इंटर के दौरान उन्होंने एनसीसी ज्वाइन किया था और तभी से उन्होंने आर्मी ऑफिसर बनने की ठान ली.
12 बार दी सीडीएस की परीक्षा
दीपक ने अब तक कुल 12 बार सीडीएस की परीक्षा दी है, पहले 11 प्रयासों में वो लगातार असफल हुए, अपने 11वें प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास तो की लेकिन उनका चयन वायुसेना के लिया हुआ जो कि वे नहीं चाहते थे, उन्हें आर्मी में ऑफिसर बनने का जुनून था इसलिए उन्होंने एक बार फिर परीक्षा दी और अपने 12वें अटेम्प्ट में उन्हें उनका मनचाहा पद मिल गया. दीपक की कहानी उन सभी बच्चों के लिए प्रेरणा है जो अपनी असफलता के बाद निराश हो जाते हैं.
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