आसनसोल. रक्षा बंधन में हाथों में रचायी गयी मेहंदी को लेकर स्कूल में जाने पर छात्रा की बेरहमी से हुई पिटाई को लेकर लोग गोलबंद हो रहे हैं. सभी का एक ही कहना है कि छात्रा से पिटाई करने की आरोपी संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल की प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. कार्रवाई नहीं होने पर कई संगठनों ने आंदोलन करने की भी बात कही है. सूत्रों के अनुसार प्रशासन ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और जिला स्कूल निरीक्षक (प्राइमरी) ने इस मामले को लेकर अपने स्तर से जांच भी शुरू की है.
पर्व-त्योहार पर मेहंदी लगाना है सनातनी परंपरा, पिटाई गलत: जितेंद्र श्रीवास्तव
पंचमपल्ली विद्यालय, चितरंजन के सहायक शिक्षक जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में शारीरिक व मानसिक दंड, प्रताड़ना आदि वर्जित है. अनुशासन के नाम पर मेहंदी लगाने पर संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल की छात्रा की बेरहमी से पिटाई घोर निंदनीय है. हिंदू रीति-रिवाज में श्रावण महीने के साथ हर पर्व-त्योहार में मेहंदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस बात पर किसी विद्यार्थी को पीटना अनुचित है. किसी भी कारण से विद्यार्थी को स्कूल में पीटना अपराध की श्रेणी में आता है. विद्यालय प्रबंधन इस घटना पर संज्ञान लेकर जिम्मेदार शिक्षिका के विरुद्ध उचित कार्यवाही करे.पिटाई करके शिक्षिका ने सनातनी परंपरा पर किया आघात : बुंबा मुखर्जी
ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष बुंबा मुखर्जी ने कहा कि संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल में मेहंदी लगाकर स्कूल में जाने के कारण छात्रा की पिटाई की वह कड़ी निंदा करते हैं. सनातन धर्म में सावन माह में और हर पर्व त्योहार में मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है. छात्रा की पिटाई करके शिक्षिका ने सनातनी परंपरा पर आघात किया है.वे पीड़ित परिवार से जाकर मिलेंगे और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर प्रकार से मदद करेंगे. इस घटना के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग उनकी ओर से की जायेगी. इसके लिए हर संभव कदम उठाये जायेंगे.
पर्व-त्योहार पर मेहंदी लगाना शुभ है, इसके लिए पिटाई गलत : विनोद केडिया
उद्योगपति विनोद केडिया ने कहा कि यह घटना निंदनीय है और समाज में एक गलत संदेश गया है. हिंदू व बिहारी समाज के हर त्योहार पर मेहंदी लगाने का रस्म होती है. किसी भी शुभ अवसर पर महिलाओं द्वारा मेहंदी लगायी जाती है. बिना मेहंदी लगाये शादी विवाह सहित कोई भी कार्यक्रम संपन्न नहीं होता हैं. मेहंदी लगाकर स्कूल में आने के कारण जिस तरह से शिक्षिका ने छात्रा की पिटाई की है, वह गलत है. इस घटना को कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है. शिक्षिका के खिलाफ कड़ी करवाई की वह मांग करते हैं. मंत्री मलय घटक तथा जिलाधिकारी को इस घटना की जानकारी देकर कार्रवाई की मांग की जायेगी.
स्कूल में बच्चों को शारीरिक दंड देना वैधानिक नहीं : डॉ रविशंकर सिंह
प्रख्यात साहित्यकार डॉ रविशंकर सिंह ने कहा कि बच्चों को किसी भी प्रकार का शारीरिक दंड दिया जाना वैधानिक नहीं है. भारत में भी इसे कानूनन अपराध माना गया है. कई देशों में स्कूल तो क्या आप घर में भी अपने बच्चों को शारीरिक दंड नहीं दे सकते हैं. वहां घर से बच्चों के रोने की आवाज सुनकर तुरंत पुलिस की गाड़ी आ जाती है. आप अपने घर में बच्चों का रख-रखाव कैसे कर रहे हैं इसका निरीक्षण करने के लिए भी सरकारी जांच परख होती रहती है. मेहंदी लगाकर स्कूल में आने के कारण छात्रा की पिटाई करना गलत है. वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं.
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