रानीगंज.
शनिवार को नेशनल हाइवे-60 के चौड़ीकरण कार्य के दौरान साहेबगंज में रानीगंज माइनिंग इंस्टीट्यूट के परित्यक्त मकान के जर्जर हिस्से से लोहे के सरिये व पुरानी ईंट निकालते समय अचानक वो हिस्सा भरभरा कर ढह गया, इसके मलबे में दब कर दो युवकों की जान चली गयी. उनके नाम राजीव दास(19) और श्रीचरण बाउरी(20) बताये गये हैं. राजीव साहेबगंज और श्रीचरण गिरजापाड़ा काठगादा का रहनेवाला था. रानीगंज के साहेबगंज मोड़ के पास राष्ट्रीय राजमार्ग – 60 के किनारे सड़क चौड़ीकरण के लिए उक्त मकान को नेशनल हाइवे आथॉरिटी ऑफ इंडिया(एनएचएआइ) ने अधिग्रहण किया है. जर्जर मकान से सरिये व ईंट निकालते समय सहसा उसका बड़ा हिस्सा ढह गया. मलबे में दोनों युवक दब गये. सूचना पाते ही रानीगंज थाने की बल्लभपुर चौकी की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और स्थानीय लोगों के साथ बचाव कार्य में जुट गयी. त्वरित बचाव के लिए विभिन्न साजो-सामान मंगाये गये. मकान के मलबे को जेसीबी मशीन लगा कर हटाया गया.. लगभग दो घंटों की मशक्कत के बाद मलबे को हटा कर अचेत युवकों को बाहर निकाला गया और नजदीकी जिला अस्पताल ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत करार दिया. घटना के बाद वहां सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गयी.इस बीच, दोनों शवों को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया है. इस बीच, स्थानीय लोगों ने रोष जताते हुए कहा कि जब राष्ट्रीय राजमार्ग प्रबंधन ने परित्यक्त भवन का अधिग्रहण किया था, तभी इसे तोड़ कर गिरा दिया गया होता, तो आज अनहोनी नहीं होती. इलाके के कुछ बेरोजगार युवक थोड़ी कमाई के लालच में उस परित्यक्त व जीर्ण-शीर्ण मकान से रॉड व ईंटें निकाल रहे थे. तभी यह हादसा हो गया और दो जानें चली गयीं. अगर राष्ट्रीय राजमार्ग प्रबंधन ने जर्जर मकान को पहले ही तोड़ कर गिरा दिया होता, तो आज यह हादसा नहीं होता. इस बीच, पुलिस ने जर्जर मकान को पूरी तरह से ढहा दिया है.
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