आसनसोल.
डीवीसी के पंचेत और मैथन डैम से रोज 2.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने का कार्य मंगलवार से शुरू हो गया. मैथन डैम से प्रतिदिन दो लाख क्यूसेक और पंचेत डैम से 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने को लेकर डीवीआरआरसी, सीडब्यूसी, मैथन के मेंबर सेक्रेटरी शशि राकेश ने पत्र जारी किया है. इसकी प्रति झारखंड व पश्चिम बंगाल के संबद्ध अधिकारियों को भेज दी गयी है. यह भी कहा गया है कि मैथन डैम से दो लाख क्यूसेक को बढ़ाया भी जा सकता है. समीक्षा के बाद अगले आदेश से पहले तक ऐसे ही पानी छोड़ा जायेगा. इससे निचले इलाके में बाढ़ की स्थिति बन सकती है. सूत्रों की मानें, तो वर्ष 2001 में सवा तीन लाख क्यूसेक करके पानी छोड़ा गया था. जिससे बंगाल के अनेक जिलों में बाढ़ आ गयी थी. उल्लेख्य है कि निम्न दबाव के कारण पिछले दिनों बंगाल व सटे सूबे झारखंड के अनेकों जिलों में भारी बारिश हुई है. इससे नदियां उफान परै हैं. डीवीसी के मैथन व पंचेत डैम का पानी खतरे के निशान तक पहुंच गया है. इससे देखते हुए सोमवार से छोड़े जानेवाले पानी की मात्रा बढ़ा दी गयी है.बराकर के कुछ क्षेत्रों में सैलाब का खतरा
मैथन डैम से छोड़े गये पानी के कारण डैम से सटे बराकर इलाके के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. जिला प्रशासन ने इस मुद्दे पर मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक की है. जिलाधिकारी पोन्नमबालम एस. ने बताया कि प्रशासन पूरी स्थिति की निगरानी कर रही है. डीवीसी के आला अधिकारियों के साथ भी बात हो रही है. राज्य प्रशासन को रिपोर्ट भेजा गया है. इधर मैथन डैम में पानी छोड़ने को देखने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ जुट रही है.
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