दुर्गापुर. दुर्गापुर में इंडेन बॉटलिंग प्लांट के लॉरी मालिकों व उनके चालकों के बीच तेल आवंटन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. तेल आवंटन को लेकर प्लांट के 33 लॉरी चालक बीते 21 दिनों से हड़ताल पर हैं. इससे गैस आपूर्ति का संकट गहराने लगा है. मसले पर ट्रक मालिकों ने तृणमूल यूनियन के बड़े नेताओं के साथ प्रशासन से लिखित शिकायत की है. पर अभी तक कोई भी पक्ष मसले के हल की दिशा में आगे नहीं आया है. अगर हालात ऐसे ही रहे, तो दुर्गापूजा के पहले बंगाल के कई जिलों में घरेलू गैस की किल्लत पैदा हो सकती है. लॉरी मालिकों की शिकायत है कि अनुबंध के खिलाफ जाकर कुछ लॉरी चालक अनुचित ढंग से तेल आवंटन की मांग पर अड़े हैं और गाड़ी नहीं चला रहे हैं. इससे सिलिंडर सेवा उपलब्ध कराने में दिक्कतें आ रही हैं. मामले की जानकारी पुलिस और श्रमिक संगठन को दी गयी है. पर अभी तक कोई पहल नहीं की गयी है. परिवहन कंपनी के प्राधिकारी तपन कुमार साहा ने कहा कि कंपनी ने लॉरी चालकों के साथ बीते साल ही एक समझौता किया है, जिसकी मियाद वर्ष 2028 तक है. लेकिन 14 महीने के बाद ही तेल का आवंटन बढ़ाने की मांग पर 33 लॉरी चालक हड़ताल पर चले गये हैं. आज हड़ताल के 21 दिन हो गये हैं. 33 लॉरी चालकों को छोड़ कर बाकी लॉरी चालकों को दिक्कत नहीं है. हड़ताल पर गये लॉरी चालकों को समस्या को लेकर पूजा के बाद चर्चा करने का भरोसा दिया गया है. लेकिन वे लोग मानने को तैयार नहीं हैं. मसले का हल नहीं निकला, तो राज्य के कई जिलों में घरेलू गैस की आपूर्ति संकट में पड़ जायेगी. इससे पूर्व व पश्चिम बर्दवान, बांकुड़ा, पुरुलिया, बीरभूम जिले के साथ हुगली के विभिन्न हिस्सों में गैस सिलिंडर सेवा प्रभावित हो सकती है. दूसरी ओर, मांग पर अड़े लॉरी चालक सुमित लायक ने कहा कि हमें जितना तेल दिया जाता है, उससे लॉरी नहीं चल रही है. महीने में दो से तीन बार ही तेल मिलता है, जो समय से पहले खत्म हो जाता है. लॉरी मालिकों को तेल आवंटन को बढ़ाना होगा, अन्यथा चालकों की हड़ताल जारी रहेगी. इस बारे में तृणमूल के स्थानीय श्रमिक नेता कल्लोल बंद्योपाध्याय ने कहा कि मुद्दे को लेकर प्रशासनिक व विभिन्न हलकों में पहले ही बात हो चुकी है. लॉरी चालकों से भी चर्चा की गयी. जिले के नेताओं की मामले पर नजर है. जल्द ही महले का हल कर लिया जायेगा. ध्यान रहे कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधीन इंडेन बॉटलिंग प्लांट-दुर्गापुर पूरे बंगाल में एलपीजी गैस आपूर्ति का मुख्य केंद्र है. यहां से राज्य के सात जिलों में गैस की आपूर्ति की जाती है.
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