आसनसोल.
बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें पश्चिम बर्दवान जिला भी शामिल है. इस ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं से जुड़े सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रख दिया है. अतिरिक्त जिलाधिकारी (जनरल) सिराज दानेश्यार ने कहा कि सोमवार से बुधवार तक यानी 72 घंटों के लिए जिले में अलर्ट जारी किया गया है. जिसे देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग से दो और एसडीआरएफ से दो यानी कुल चार अतिरिक्त बोट मंगायी गयीं हैं. जिले के पास कुल चार बोट हैं. कुल आठ बोट में से दो दुर्गापुर महकमे को भेजी गयी हैं. बाकी सभी जिले में हैं. जरूरत के आधार पर उनका उपयोग किया जायेगा. जिला कार्यालय, आसनसोल और दुर्गापुर महकमा कार्यालय तथा सभी आठ प्रखंडों में कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है. किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए टीम को तैयार रखा गया है. पूर्वानुमान के तहत सोमवार को बारिश नहीं हुई जो थोड़ी राहत की बात रही. बुधवार तक का अलर्ट है, जिसे लेकर प्रशासन हाईअलर्ट पर है.गौरतलब है कि इसी महीने के एक और दो अगस्त को हुई भारी बारिश के कारण जिले के लगभग हर इलाके पानी की चपेट में आ गये थे और तीन लोगों की इसमें मौत भी हुई थी. सिर्फ आसनसोल रेलपार इलाके में गारुई नदी के चपेट में आये करीब 2200 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया था. 40 घर पूरी तरह तबाह हुए और 400 घरों में आंशिक क्षति हुई थी. राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमों को भी जिले में बुलाया गया था. बारिश के इस कहर से लोग अभी बाहर भी नहीं निकल पाये थे कि सोमवार से बुधवार तक 72 घंटो के ऑरेंज अलर्ट से लोग सहमे हुए हैं. मुख्य रूप से गारुई नदी के किनारे रहनेवाले सैकड़ों लोगों के घर पानी के समा गये थे और भारी नुकसान हुआ था. अतिरिक्त जिलाधिकारी (जनरल) श्री दानेश्यार ने बताया कि थोड़ी ज्यादा बारिश होने से विभिन्न इलाकों में जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इसे लेकर प्रशासन ने अपनी सारी तैयारियां की हैं. पिछली बार भी जलजमाव वाली जगहों पर पंप लगाकर पानी निकाला गया था. जान माल का नुकसान जितना कम हो सके प्रशासन इसे लेकर कार्य कर रहा है.
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