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छात्रा की स्कूल में हुई थी पिटाई, सीसीटीवी था ऑफ

रक्षा बंधन के उपलक्ष्य में हाथों में मेहंदी लगाकर स्कूल में जाने पर छात्रा पिटाई करने के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया और अतिरिक्त जिलाधिकारी (शिक्षा) के निर्देश पर पश्चिम बर्दवान के जिला स्कूल निरीक्षक (डीआइ ऑफ स्कूल) प्राइमरी के स्तर से इसकी जांच हुई.

आसनसोल.

रक्षा बंधन के उपलक्ष्य में हाथों में मेहंदी लगाकर स्कूल में जाने पर छात्रा पिटाई करने के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया और अतिरिक्त जिलाधिकारी (शिक्षा) के निर्देश पर पश्चिम बर्दवान के जिला स्कूल निरीक्षक (डीआइ ऑफ स्कूल) प्राइमरी के स्तर से इसकी जांच हुई. सूत्रों के अनुसार संत मेरी गोरेटी हाइस्कूल की प्राचार्या ने छात्रा की पिटाई करने की बात स्वीकार कर ली है. कुछ सहायक शिक्षकों ने भी जांच टीम के सामने अपने बयान दिये हैं कि छात्रा की पिटाई हुई है.

प्राचार्या ने अपने कक्ष में छात्रा की पिटाई की थी. उस कक्ष में सीसीटीवी कैमरा भी है लेकिन जिस दौरान पिटाई हुई उस दौरान का कोई सीसीटीवी फुटेज जांच टीम को नहीं मिला. प्राचार्या ने बताया कि उस समय सीसीटीवी कैमरा ऑफ था. जिसके कारण कारण कोई फुटेज उपलब्ध नहीं है. डीआइ ऑफ स्कूल देवाशीष सरकार ने बताया कि स्कूल अवर निरीक्षक और सहायक अवर निरीक्षक की टीम ने मामले की जांच की. इस मामले में उचित कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन को भेज दी गयी है.

इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है. गौरतलब है कि आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के दिलदार नगर इलाके की निवासी व संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल में कक्षा नौ की छात्रा को स्कूल की प्राचार्या ने बुरी तरह पिटाई की थी. कारण यह था कि छात्रा हाथों में मेहंदी लगाकर स्कूल आयी थी. छात्रा का कहना था कि रक्षा बंधन के अवसर पर घर में सभी महिलाएं और लड़कियां मेहंदी लगा रही थीं तो उसने भी लगा ली. पर्व व त्योहार पर मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है इसलिए उसने यह लगाया. लेकिन उसके लिए यह शुभ नहीं रहा. मेहंदी लगाने के कारण छात्रा की स्कूल में पिटाई हो गयी. वह भी इस तरह पिटाई हुई कि मेहंदी के रंग के साथ मार से भी हाथ लाल हो गये. जिसे लेकर लड़की के परिजनों ने थाने में लिखित शिकायत की, हालांकि प्राथमिकी नहीं हुई.

घटना के बाद पहली बार छात्रा मंगलवार को गयी स्कूल

मेहंदी लगाने के कारण पिटाई की घटना से मानसिक रूप से अस्वस्थ हुई छात्रा आखिर सभी के समझाने पर छह दिनों बाद बुधवार को पहली बार स्कूल गयी. उसके पिता ने बताया कि स्कूल से लौटने पर काफी सामान्य रही. छह दिनों तक वह घर में घुट-घुटकर जी रही थी. कई लोगों ने उसे समझाया, जिसके बाद वह स्कूल गयी. स्कूल से आने के बाद वह ट्यूशन भी गयी.

22 अगस्त को आसनसोल साउथ थाने में हुई थी लिखित शिकायत, पुलिस ने साध ली चुप्पी

राजनैतिक मामलों में स्वतः संज्ञान लेकर प्राथमिकी दर्ज कर नाम कमानेवाली आसनसोल साउथ थाने की पुलिस ने छात्रा की पिटाई के मामले में लिखित शिकायत मिलने के बावजूद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की. छात्रा की मां ने अपनी बच्ची को लेकर थाने में जाकर लिखित शिकायत दर्ज करायी. छात्रा के हाथ पर जो चोट के निशान थे, वह भी पुलिस अधिकारियों को दिखाये. पुलिस ने उनकी शिकायत को जमा ले लिया और उन्हें घर जाने को कहा. छात्रा के हाथ पर जो चोट के निशान थे, उसकी भी मेडिकल जांच पुलिस ने नहीं करायी. पुलिस के अधिकारी ने बताया कि बीएनएस में इस तरह के कुछ मामलों में शिकायत मिलने के 14 दिनों के अंदर प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान है. मामले की जांच की जायेगी.

यदि सच्चाई हुई तो प्राथमिकी दर्ज होगी अन्यथा इसे छोड़ दिया जायेगा. पुलिस के ही एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामला यदि सही है और प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है तो थाना प्रभारी के खिलाफ भी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. छात्रा के शरीर पर जो चोट के निशान उस समय थे, वह अब नहीं हैं. पुलिस यदि उस समय मेडिकल करा लेती तो सबसे बड़ा साक्ष्य पुलिस के पास होता जो इस मामले में आगे काम आनेवाला है. संत मेरी गोरेटी गर्ल्स हाइस्कूल की छात्रा की पिटाई 21 अगस्त को हुई थी. 22 अगस्त को उसकी मां अपनी बेटी को साथ लेकर आसनसोल साउथ थाने में गयी और लिखित शिकायत दर्ज करायी.

जिसमें उन्होंने मोनिका सिस्टर को इस मामले में आरोपी बनाकर अपनी शिकायत दर्ज करायी थी. लेकिन इसपर अबतक पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की है. कमिश्नरेट के विभिन्न थानों में बगैर किसी पैरवी के प्राथमिकी दर्ज कराना थोड़ा कठिन होता है, ऐसे कई मामले नियमित सामने आते रहते हैं. छात्रा कोई रसूखदार परिवार से नहीं है, राजनीतिक कोई सपोर्ट भी नहीं है, ऐसी किसी छात्रा की बात पर मिशनरीज स्कूल की सिस्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना पुलिस के लिए थोड़ा कठिन काम हो सकता है.

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