अंडाल.
अंडाल बीडीओ कार्यालय में बच्चे के जन्म-प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय जाली दस्तावेज पेश करने के मामले में आरोपी दंपती को गिरफ्तार कर लिया गया. उनके दस्तावेजों की जांच में कई विसंगतियां पायी गयीं. बाद में पड़ताल में यह भी पता चला कि जिस बच्चे के लिए जन्म प्रमाण-पत्र की अर्जी दी गयी है, वो भी उनका असल बच्चा नहीं, बल्कि किसी से गोद लिया हुआ है. उसके बाद आरोपी दंपती को गिरफ्तार कर लिया गया. शनिवार को आरोपी दंपती को कोर्ट में पेश किया गया. सूत्रों की मानें, तो कुछ दिन पहले किशोर बाला व पर्ण बाला नामक दंपती ने अपने एक साल सात माह के बेटे के लिए जन्म प्रमाण-पत्र बनाने के वास्ते अंडाल बीडीओ कार्यालय में आवेदन किया था. दंपती की ओर से सबूत के तौर पर पेश किये गये दस्तावेजों में कई विसंगतियां पायी गयीं. जांच में पता चला कि बच्चे का जन्म अंडाल के नर्सिंग होम में हुआ था, जबकि दंपती का घर नदिया जिले के मिलननगर में है, जबकि आवासीय प्रमाण-पत्र बहुला ग्राम पंचायत से जारी होता है. दी गयी लिखित सूचना में विसंगतियां पाये जाने के बाद अंडाल बीडीओ देबांजन दत्ता ने अंडाल थाने की पुलिस को मामले की जांच करके देखने को कहा. शुक्रवार को दंपती और उनके नवजात बेटे से थाने में पूछताछ की गयी.पुलिस सूत्रों की मानें, तो जांच में इस बात के प्रमाण मिले कि बच्चा उनका नहीं है. उसके बाद पुलिस ने दंपती को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को जांच में पता चला कि बच्चा असल में नदिया जिले का निवासी है. यह भी कि आसनसोल स्टेशन के पास किसी गरीब व जरूरतमंद माता-पिता से उस बच्चे को आरोपी दंपती ने खरीदा है. मामले में गहन पड़ताल में पुलिस लग गयी है.
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