पश्चिम बंगाल के विश्व भारती शांति निकेतन के वार्षिक दीक्षांत समारोह को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. इस बार दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित तथा राज्यपाल सीवी आनंद बोस के रहने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार संभवत उपस्थित नहीं होंगे. वैसे भी विश्व भारती में पौष मेला और छात्रों के आंदोलन को लेकर माहौल गर्म है. इधर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने विश्व भारती अधिकारियों के लिए पारंपरिक शांति निकेतन पौषमेला आयोजित करने का भार उनपर ही छोड़ दिया है. हालांकि, स्थिति जिस दिशा में मुड़ गई है, धीरे-धीरे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि विश्व भारती के अधिकारी कानूनी पेचीदगियों के कारण इस बार पौष मेला आयोजित करने में बिल्कुल भी रुचि नहीं ले रहे हैं.
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ऐसी स्थिति में विश्व भारती के अधिकारियों ने विश्व भारती के दीक्षांत समारोह आयोजित करने के बारे में सोचना शुरू कर दिया है. यदि 11 दिसंबर को यह दीक्षांत समारोह संभव नहीं हो पाता है तो शांति निकेतन के आम्र कुंज स्थित जाहर वेदी में विश्व भारती की परंपराओं और नियमों के अनुसार पौष पर्व को परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार मनाया जाएगा. शांतिनिकेतन के इस दीक्षांत समारोह में विश्व भारती के आचार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की पुष्टि नहीं हुई. और इस स्थिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे.राज्य के नए राज्यपाल के रूप में सीवी आनंद बोस और विश्व भारती के रेक्टर भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे. जाहर बेदी, आम्र कुंज, शांति निकेतन में दीक्षांत समारोह में 2021-22 स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी प्राप्तकर्ताओं को प्रमाण पत्र और डिप्लोमा सर्टिफिकेट सौंपे जाएंगे.
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विश्व भारती का अंतिम दीक्षांत समारोह 19 फरवरी, 2021 को आयोजित किया गया था. कोरोना के आबोहवा में वर्चुअल दीक्षांत समारोह में आचार्य और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे. इसका सीधा प्रसारण दिल्ली से आम्र कुंज के एक बड़े पर्दे पर किया गया था और उस वक्त केंद्रीय शिक्षा मंत्री आम्र कुंज में मौजूद थे. ऐसी स्थिति में विश्व भारती के अधिकारियों ने विश्व भारती के दीक्षांत समारोह आयोजित करने के बारे में सोचना शुरू कर दिया है. यदि 11 दिसंबर को यह दीक्षांत समारोह संभव नहीं हो पाता है तो शांति निकेतन के आम्र कुंज स्थित जाहर वेदी में विश्व भारती की परंपराओं और नियमों के अनुसार पौष पर्व को परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार मनाया जाएगा.
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रिपोर्ट : मुकेश तिवारी पानागढ़