मोहम्मद युनूस की सरकार त्वरित कार्रवाई करे या नोबेल पुरस्कार लौटायें मोहम्मद युनूस आसनसोल. इस्कॉन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित विभिन्न हिंदू संगठनों ने रविवार को संयुक्त रूप से बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, कत्लेआम, महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के विरोध में प्रदर्शन करते हुए बर्नपुर के त्रिवेणी मोड़ से एक रैली निकाली. इस रैली में आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल, भाजपा जिलाध्यक्ष बप्पा चटर्जी सहित सैकड़ों की संख्या में हिंदू संगठन के प्रतिनिधि शामिल थे. रैली त्रिवेणी मोड़ से शुरू होकर स्टेशन रोड, बारी मैदान, हीरापुर थाना, बस स्टैंड, अपर रोड होकर वापस त्रिवेणी मोड़ पहुंच कर समाप्त हो गयी. इस दौरान भाजपा प्रदेश कमेटी महासचिव तथा आसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल ने कहा कि आज बांग्लादेश में जिस तरह से वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है. जिहादी मानसिकता वाले लोग जिस तरह से हिंदुओं की हत्या कर रहे हैं. हिंदू महिलाओं पर अत्याचार किया जा रहा है. उसके खिलाफ आज सभी हिंदू संगठन एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के अंतरिम सरकार गठन के सलाहकार तथा प्रशासक मोहम्मद यूनुस को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था, मगर उनके ही शासन काल में जिस तरह से अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस एक बड़े इकोनॉमिस्ट हो सकते हैं, लेकिन प्रशासक के तौर पर वह पूरी तरह से असफल हैं. श्रीमती पॉल ने मोहम्मद युनूस से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने की मांग की. उन्होंने कहा कि अब हिंदू इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. राजनीतिक भेदभाव, जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है. उसका विरोध किया जाना चाहिए. जिलाध्यक्ष बप्पा चटर्जी ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की निंदा की. उन्होंने कहा कि आज बांग्लादेश में जिस तरह से वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है, उसे तुरंत रोकने की जरूरत है. बांग्लादेश के प्रशासक मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली सरकार उसे रोकने में पूरी तरह से असफल है. पाकिस्तान को तोड़कर जिस तरह से बांग्लादेश का निर्माण किया गया था. ठीक उसी तरह अब समय आ गया है कि बांग्लादेश को भी दो टुकड़े कर हिंदुओं के लिए एक सुरक्षित जगह बनायी जाये, ताकि हिंदू बांग्लादेश में सुरक्षित रह सकें.
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