बोलपुर, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के विश्वभारती विश्वविद्यालय ( Visva Bharati University) में एक बार फिर माहौल गरमाता दिख रहा है. कार्यवाहक कुलपति संजय मल्लिक के घर पर जाकर विश्वविद्यालय के अकाउंटेंट संजय घोष के कुछ समर्थकों ने घेराव किया. उनकी शिकायत है कि पूर्व कुलपति के कार्यकाल में यदि कुछ वित्तीय धांधली हुई है, तो उसके लिए संजय घोष को बलि का बकरा क्यों बनाया जा रहा है. हालांकि इसकी सूचना पाकर शांतिनिकेतन थाने की पुलिस वहां पहुंची और बिगड़ती स्थिति संभाली. वर्ष 2019-20 में विश्वभारती की प्रवेश प्रक्रिया में धांधली व भ्रष्टाचार का आरोप यहां के प्रोफेसर पीयूष कांति घोष ने लगाया है. दावा किया कि उन्होंने इसकी जानकारी पूर्व कुलपति विद्युत चक्रवर्ती को दी थी. पर कोई नतीजा नहीं निकला.
बाद में प्रोफेसर घोष ने नये कार्यवाहक कुलपति संजय मल्लिक से भी शिकायत की. फिर अकादमिक परिषद की बैठक में विश्वभारती के अधिकारियों ने धांधली की शिकायतों की आंतरिक जांच करने का फैसला किया. केंद्रीय विश्वविद्यालय के सूत्रों की मानें, तो आंतरिक जांच में पीयूष की शिकायत सही पायी गयी. इसके बाद भ्रष्टाचार में संलिप्तता के संदेह में संजय घोष से अकाउंटेंट का काम लेकर सोमेंद्र सेन नामक कर्मचारी को दे दिया गया. हालांकि अपना कार्यभार संजय घोष ने अभी सोमेंद्र सेन को नहीं दिया है. इस बाबत बीते मंगलवार को विश्वभारती के अधिकारियों ने सूचना भी जारी कर दी है. उसके बाद से बवाल शुरू हो गया.
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बताया गया है कि पूर्व अकाउंटेंट संजय घोष ने सोमेंद्र के काम में बाधा डाली. यही नहीं, संजय घोष के कुछ समर्थकों ने कार्यवाहक कुलपति के घर जाकर घेराव भी किया. सूचना पाकर शांतिनिकेतन थाने के ओसी के नेतृत्व में पुलिस वाले वहां पहुंचे और स्थिति नियंत्रित की. इस पर कार्यवाहक कुलपति ने कहा, “अभी आधिकारिक अधिसूचना ही जारी की गयी है. नये अकाउंटेंट की नियुक्ति में अभी कुछ समय लगेगा. उधर, वीबीयूएफए का दावा है कि यदि संजय घोष को अकाउंटेंट के पद से वाकई हटाया गया, तो पूर्व कुलपति के भ्रष्टाचार की पोल खुल जायेगी. इसलिए संजय घोष व उनके समर्थक खुल कर विरोध नहीं कर रहे हैं.
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बहरहाल, भ्रष्टाचार की खबरें सामने आने और कार्यवाहक कुलपति के घर का घेराव होने से विश्वभारती में हलचल है. वीबीयूएफए संगठन के अध्यक्ष सुदीप्त भट्टाचार्य को लगता है कि पूर्व कुलपति का इस घटना से कुछ वास्ता रहा होगा. बीते कुछ वर्षों में संजय के पक्ष में जम कर वित्तीय धांधली की गयी है. संजय घोष को पूर्व कुलपति विद्युत चक्रवर्ती का करीबी माना जाता है. उन्हें हटाने पर वित्तीय विसंगतियों व अनियमितताओं की कलई खुल जायेगी. इस संबंध में विश्वभारती के कार्यवाहक कुलपति अथवा, विश्वभारती प्रशासन के अधिकारियों से कोशिश के बावजूद टिप्पणी नहीं मिल पायी है.
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