मुकेश तिवारी, बीरभूम
बीरभूम जिले के लाभपुर ब्लॉक अंचल के जामना ग्राम पंचायत के मामूदपुर में कुआं नदी पर मौजूद सेतु की जर्जर अवस्था को लेकर आसपास के दर्जनों गांव के लोग नाराज हैं. उनकी शिकायत है कि सेतु की जीर्ण-शीर्ण हालत को देखते हुए भी ब्लॉक और जिला प्रशासन सुध नहीं ले रहा है. कभी भी यह सेतु गिर कर नदी में समा सकता है. आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों के लिए यही सेतु आवाजाही का मुख्य मार्ग है. यदि सेतु कभी ढह गया, तो इन गांवों से लाभपुर का संपर्क पूरी तरह से कट जायेगा. सेतु की हालत यह है कि जगह-जगह सेतु के कंक्रीट झड़ गये हैं, जिससे अंदर के लोहे के रॉड दिखने लगे हैं. सीमेंट जगह-जगह से टूट कर गिर रहा है. समूचे सेतु की बदहाली किसी से छिपी नहीं हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इन गांवों के लोगों ने मिल कर प्रशासन से जर्जर सेतु को अविलंब मरम्मत कराने की गुहार लगायी है. नेताओं को भी सेतु की हालत से अवगत कराया गया है. पर अभी तक इस दिशा में संबद्ध पक्ष की ओर से कोई कदम उठता नहीं दिख रहा है. जर्जर सेतु किरणाहार आदि जगहों पर जाने का एकमात्र सहारा है. यहां से होकर कुआं नदी बहती है. मामूदपुर के अलावा केमपुर, महेशपुर, निमरे ग्राम समेत दर्जनों गांव के लोग इस सेतु से आवाजाही करते हैं. किरणाहार आदि जगहों पर जाने के लिए यह सेतु शॉर्टकट मार्ग है. इस सेतु के नहीं रहने से इन गांव के लोगों को काफी घूम कर जुबिटिया बैंक मोड़ अथवा, पीरतला होकर जाना पड़ेगा. इन गांवों के स्कूली बच्चे अपने मामूदपुर स्कूल और युवाओं को कॉलेज जाने के लिए इसी सेतु से होकर गुजरना पड़ता है. गांव के नौकरीपेशा अथवा, किसानों आदि को भी इस सेतु से ही होकर गुजरना पड़ता है. बोलपुर महकमा अस्पताल अथवा, स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए भी इस सेतु से होकर ग्रामीणों को आना-जाना पड़ता है. गांव के निवासी कार्तिक भंडारी, हरिहर पाल, सुब्रत घोष आदि का आरोप है कि सेतु की जर्जर अवस्था को लेकर कई बार ब्लॉक और जिला प्रशासन से अपील की गयी, पर अब तक इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया. ग्रामीण चाहते हैं कि प्रशासन इस महत्वपूर्ण सेतु की मरम्मत अविलंब करा कर ग्रामीणों को अनहोनी के भय से मुक्त करे. नहीं तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है