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रेड लाइट इलाके में यौनकर्मियों के बच्चों के लिए खुला स्कूल

समाज के विकास में शिक्षा बेहद जरूरी है. शिक्षा के जन-जन तक प्रसार के लिए सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किया जाता है. लेकिन समाज का एक ऐसा वर्ग जहां के बच्चे को बड़े स्कूलों में शिक्षा दिलाने में उनके माता-पिता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

दुर्गापुर.

समाज के विकास में शिक्षा बेहद जरूरी है. शिक्षा के जन-जन तक प्रसार के लिए सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किया जाता है. लेकिन समाज का एक ऐसा वर्ग जहां के बच्चे को बड़े स्कूलों में शिक्षा दिलाने में उनके माता-पिता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.खासकर रेड लाइट इलाका में काम करने वाली यौन कर्मियों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल अथवा प्राईवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने में शर्मसार होना पड़ता है. एवं उनके बच्चों को भी समाज के लोगों द्वारा ताना का शिकार होना पड़ता है. सरकार की ओर से यौन कर्मियों के बच्चों के लिए आमरा पदीती प्रोजेक्ट के तहत शिक्षा देने का काम शुरू किया गया है.

उक्त संस्था की ओर से दुर्गापुर के 34 नम्बर वार्ड स्थित कादा रोड यौन पल्ली के एक कमरे में नया स्कूल खोला गया. स्कूल खुलने से यौन कर्मी एवं उनके नन्हे नन्हे बच्चों के चेहरे खुशी एवं उम्मीद से खिल उठे है. स्कूल के उद्घाटन समारोह में निगम के प्रशासक मंडली सदस्य धर्मेंद्र यादव, समाज सेवी तरुण राय संस्था की महाश्वेता मुखर्जी समेत दुर्वार महिला समिति के कई सदस्य मौजूद थे. स्कूल का उद्घाटन अतिथियों द्वारा फीता काटकर किया गया. तरुण राय ने बताया कि समाज की अजीब विडंबना है कि जहां समाज के लोगों के अन्य बच्चो को शिक्षा दिलाना जितना सहज है वहीं यौन कर्मियों के बच्चों को स्कूल में दाखिल करना उतना ही कठिन हो जाता है. इसमें इन बच्चों का क्या कसूर है. इन बच्चो को भी शिक्षा के जरिए जीवन में बड़ा बनने का हक है. लेकिन समाज में इन बच्चो को दूसरे लोग अलग नजरों से देखते है. जो गलत है.

कई यौन कर्मी अपना परिचय बदल कर अपने बच्चों को दूसरे शहरों में पढ़ाने के लिए विवश होना पड़ता है. सरकार की ओर से आमरा पदीती प्रोजेक्ट की ओर से यौन कर्मियों के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है. संस्था द्वारा राज्य भर के सभी जिलों शहरों में स्थित रेड लाइट इलाको में स्कूल खोला गया है. उन्होंने बताया कि दुर्गापुर के रेड लाइट इलाका में करीब दो सौ बच्चे रहते है. जो शिक्षा से वंचित हो रहे थे. कुछ बच्चों को उनके माता पिता दूसरे शहरों के स्कूलों में गलत परिचय देकर पढ़ा रहे है. अब यौन पल्ली के माता पिता को अपना पहचान बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वह अपने बच्चों को संस्था द्वारा खोली गई स्कूल में बेहिचक दाखिला करा सकेंगे. बच्चो को नियमित पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति जल्द की जाएगी. मौके पर एसआरबी बोर्ड के सदस्य लाल बाबू प्रसाद, संस्था के सचिव रतन दोलुई सहित कई सदस्य उपस्थित थे.

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