रानीगंज.
रानीगंज प्रखंड अंतर्गत एगरा ग्राम पंचायत के दो सदस्यों सहित रानीगंज, काको डांगा और डमलिया क्षेत्रों के सैकड़ो ग्रामीणों ने अति प्राचीन सड़क को बंद न करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने नोनिया नदी पर बने सिधु कानु पुल पर सभी वाहनों को रोक दिया. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि रानीगंज पंचायत समिति के कर्माध्यक्ष विनोद नोनिया और तृणमूल कांग्रेस श्रमिक नेता अर्जुन सिंह के निर्देश पर प्राचीन सड़क को बंद करने की योजना बनायी गयी है. जबकि बगल में स्थित हाड़ाभांगा पुल जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है, भले ही राज्य सरकार ने कई करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण कराया है, लेकिन इस पुल से काको डांगा, एगरा के लिए वाहन नहीं गुजर सकते हैं. जिसका उपयोग लोग लंबे समय से कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुल को पार करने के बाद काको डांगा गांव की संकरी सड़क पर यात्रा बहुत मुश्किल हो जाती है. जबकि सड़क ब्रिटिश काल से ही पिच की बनी हुई है. धीरे-धीरे सड़क को बंद करने योजना है.जबकि स्कूल और कॉलेज के छात्रों से लेकर आम लोग पांच किलोमीटर से कम सड़क यात्रा करके अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं. लेकिन निजी लाभ के लिए दोनों तृणमूल नेता इस सड़क को चालू नहीं होने दे रहे हैं. इसकी शिकायत पंचायत सदस्यों से लेकर स्थानीय क्षेत्र के लोगों तक ने की है. उनका कहना है कि इस सड़क के निर्माण के लिए क्षेत्र के कई लोगों ने जमीन भी दान दी है, ताकि इस क्षेत्र से यात्रा आसान हो. फिर भी किसी अज्ञात कारण से सड़क को बंद करने की योजना बनायी जा रही है, जो कभी पूरी नहीं होगी. वे अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल करने को तैयार हैं.
उठायेंगे सकारात्मक कदम : विनोद नोनिया
इस संबंध में विनोद नोनिया का कहना है कि वह इलाके के आम लोगों के साथ हैं और उनकी सुविधाओं और इलाके के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत हैं. वे इस मामले को देखेंगे और सामूहिक विकास अधिकारी से बात कर भविष्य में इस संबंध में सकारात्मक कदम उठाना सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने कहा जिस जगह से रास्ता बनाने की बात की जा रही है वह सरकारी जमीन है. वहां पर रास्ते का निर्माण कैसे किया जाये? उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कहती हैं कि कहीं पर भी कोई अतिक्रमण न हो. विनोद नोनिया ने कहा कि जहां पर उन्हें नो ऑब्जेक्शन मिलेगा वहां रास्ता बना देंगे. किसी का घर तोड़कर रास्ता नहीं बना सकते. उन्होंने कहा कि इस बात का भी अंदेशा है कि सड़क बना देने के बाद वहां पर ओवरलोडेड बालू गाड़ियां चलने लगेंगी. इससे भी लोगों को परेशानी होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है