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साइबर फ्रॉड के शिकार युवक को वापस मिले 75 हजार रुपये

रानीगंज के व्यापारी राहुल साव, जिन्हें ‘साव भुजावाला’ के नाम से जाना जाता है, साइबर फ्रॉड का शिकार बन गये थे.

रानीगंज. साइबर फ्रॉड का शिकार बनने के बाद सही कानूनी कदम उठाने पर एक युवक को पैसे वापस मिल गये. घटना रानीगंज की है. रानीगंज के व्यापारी राहुल साव, जिन्हें ‘साव भुजावाला’ के नाम से जाना जाता है, साइबर फ्रॉड का शिकार बन गये थे. बीते जुलाई में उनके खाते से 75,890 की राशि एक तकनीकी खामी का फायदा उठाकर हैदराबाद स्थित एक संदिग्ध खाते में ट्रांसफर कर दी गयी थी. अधिवक्ता यश सिंह चौहान की कानूनी सहायता से राहुल को यह राशि वापस मिल गयी.

क्या है मामला : अधिवक्ता यश सिंह चौहान ने बताया कि विगत दो तारीख को राहुल साव ने उनसे संपर्क किया था कि गूगल पे इंडिया और इंडिया पेमेंट्स बैंक की तकनीकी खराबी की वजह से 75000 रुपये से ज्यादा का उनका पेमेंट अटक गया था. जब राहुल ने गूगल पे इंडिया और इंडिया पेमेंट्स बैंक से संपर्क किया तो उन्होंने इस पूरे मामले से यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि उन्होंने सही समय पर पेमेंट कर दिया है. यश सिंह चौहान ने बताया कि इसके बाद दो सितंबर को राहुल ने उनसे संपर्क किया. इसके उपरांत उनकी तरफ से गूगल पे इंडिया और इंडिया पेमेंट्स बैंक दोनों को कानूनी नोटिस भेजा गया और आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के साइबर क्राइम अपराध विभाग और रानीगंज थाने में इसकी लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी. इसके बाद जब मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला कि यह पैसा हैदराबाद के किसी अकाउंट में जमा हो गया है. इससे भी बड़ी हैरानी की बात यह थी कि इस अकाउंट का इस्तेमाल करके पूरे भारत में 1000 से भी ज्यादा साइबर अपराधों को अंजाम दिया गया है. यहां तक कि इस अकाउंट का जिक्र सीबीआइ द्वारा उनके एक मामले की चार्जशीट में भी किया गया है. इसके बाद गूगल पे इंडिया और इंडिया पेमेंट्स बैंक दोनों को लीगल नोटिस भेजा गया और उनसे यह मांग की गयी कि अगर इस मामले का निपटारा जल्द से जल्द नहीं होगा तो इसे लेकर सिविल और क्रिमिनल दोनों तरह के मामले अदालत में किये जायेंगे.

सतर्कता पर जोर : यश सिंह चौहान ने कहा कि आज की तारीख में ऑनलाइन फर्जीवाड़ा बहुत ज्यादा हो गया है. साइबर अपराध के इस नये स्वरूप से निपटने के लिए लोगों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने फोन पर या ईमेल के जरिये या व्हाट्सऐप पर कहीं, किसी के साथ भी अपने अकाउंट की विस्तृत जानकारी साझा न करने की सलाह दी. इसके साथ ही अनजाने लिंक पर क्लिक न करने के लिए भी उन्होंने कहा.

उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधों से बचने का एक ही उपाय है, और वह है उपभोक्ता द्वारा सावधानी बरतना. वहीं जब हमने इस बारे में राहुल साव से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके साथ एक बहुत बड़ा साइबर अपराध हुआ था. 75000 से भी ज्यादा राशि उनके अकाउंट में वापस नहीं आई थी. जब उन्होंने गूगल पे इंडिया और इंडिया पेमेंट्स बैंक से संपर्क किया तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला. वह सिर्फ यह कह के मामले से पल्ला झाड़ रहे थे कि उन्होंने अपना काम कर दिया है अब वह बैंक से पता लगायें कि उनका पैसा कहां पर है.

इसके बाद उन्होंने अपने एक दोस्त के जरिए यश सिंह चौहान से संपर्क किया और उन्होंने कानूनी तरीके से मामले को देखा. उन्होंने कुछ कार्रवाई की और इसके बाद 26 तारीख को उनका पूरा पैसा वापस मिल गया. इसके लिए उन्होंने यश सिंह चौहान और रानीगंज पुलिस प्रशासन और आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के साइबर अपराध विभाग को धन्यवाद दिया जिनकी तत्परता की वजह से उन्हें उनका पैसा वापस मिला.

कानूनी नोटिस भेजने के बाद मिला पैसा

नोटिस भेजने के बाद दोनों कंपनियों ने थोड़ा समय मांगा. यश सिंह चौहान ने कहा कि रानीगंज पुलिस के सहयोग और अदालत में केस दर्ज होने के बाद के बाद गूगल पे इंडिया और इंडिया पेमेंट्स बैंक ने मामले को गंभीरता से लिया और हैदराबाद के जिस अकाउंट में राहुल का पैसा जमा हो गया था, उस पैसे को निकाल कर राहुल के अकाउंट में जमा कराया गया. 26 तारीख को राहुल को उनका पूरा पैसा अपने अकाउंट में वापस मिल गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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