बीरभूम, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के बीरभूम लोकसभा सीट (Birbhum Lok Sabha seat) पर वाम कांग्रेस गठबंधन के प्रार्थी मिल्टन रशीद के प्रार्थी के रूप में घोषणा हो जाने के बाद अब वाममोर्चा की साथी दल फारवर्ड ब्लाक इस गठबंधन के खिलाफ अपना प्रार्थी इस सीट पर खड़ा करने जा रही है. इसके साथ ही सीपीएम और कांग्रेस के बीच खलबली मच गई है.फॉरवर्ड ब्लॉक द्वारा डॉक्टर अब्दुल करीम को बीरभूम लोकसभा सीट से चुनाव में अपने प्रार्थी के रूप में खड़ा कर रही है. युवा डॉक्टर अपने अनुयायियों के साथ नलहाटी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान फॉरवर्ड ब्लॉक में शामिल हो गए. बंगाल कमेटी के राज्य सचिव नरेन चट्टोपाध्याय ने उन्हें पार्टी का झंडा थमाया और कहा, हमें कांग्रेस स्वीकार नहीं है. मैं उन लोगों का समर्थन नहीं करूंगा जो डील करके कंपनी को देश में लाए हैं. हालांकि, वे एक-दो दिन में उम्मीदवार पर फैसला दे देंगे. इस फैसले ने कांग्रेस को परेशानी में डाल दिया है. क्योंकि कांग्रेस ने वाम मोर्चा के ताकत के साथ बीरभूम सीट पर अपना उम्मीदवार दिया है.
यह एक राजनीतिक दायित्व : सीपीएम
वाम फ्रंट की प्रमुख सहयोगी सीपीएम ने अपनी सीटों के समझौते की शर्त पर कांग्रेस के लिए प्रचार किया है. हालांकि, इस संदर्भ में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और प्रत्याशी मिल्टन रशीद इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते है. उन्होंने कहा, उम्मीदवारों के बारे में जानकारी मिलने के बाद बताऊंगा. हालांकि, सीपीएम के जिला सचिव गौतम घोष ने दावा किया, यह एक राजनीतिक दायित्व है. फॉरवर्ड ब्लॉक राज्य स्तर पर कांग्रेस को एक पार्टी के रूप में मान्यता नहीं देता है. लेकिन हमारे राज्य में जहां सीटों से समझौता होगा, वहां हम उम्मीदवार के साथ खड़े रहेंगे. वाम मोर्चा बीरभूम केंद्र को अपने नियंत्रण में रखना चाहता था. सीपीएम केंद्रीय कमेटी सदस्य सूर्यकांत मिश्रा ने स्वीकार किया कि जब उन्होंने जिले का दौरा किया था. तब उन्होंने कहा था ,हमने समझौते की शर्तों पर जिले में कांग्रेस को स्वीकार किया.
कांग्रेस ने मिल्टन रशीद को प्रार्थी के तौर पर चुन लिया
हालांकि पिछली लोकसभा में सीपीएम का उम्मीदवार था, लेकिन कांग्रेस ने अलग उम्मीदवार खड़ा किया था. इस बीच, नलहाटी के कायथा के डॉक्टर अब्दुल करीम ने उम्मीद जताई कि वामपंथियों को बीरभूम सीट मिलेगा और पिछली बार की तरह वे इस साल भी युवा डॉक्टर को मैदान में प्रार्थी के रूप ने उतारेंगे. अपने नाम की घोषणा से पहले उन्होंने गाड़ी पर अपनी तस्वीर वाला फ्लेक्स लगाकर नलहाटी के दो इलाकों में प्रचार भी शुरू किया. लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने मिल्टन रशीद को उम्मीदवार घोषित कर दिया. परिणामस्वरूप, युवा डॉक्टर कुछ हद तक निराश हो गया. उन्होंने बताया कि अगर कोई राजनीतिक दल उन्हें मदद नहीं करेगा तो वह उम्मीदवार नहीं बनेंगे. इसी बीच उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक से संपर्क किया. नलहाटी स्थित फारवर्ड ब्लाक पार्टी कार्यालय में फारवर्ड ब्लाक के राज्य नेता ने डॉक्टर अब्दुल करीम तथा उनके समर्थकों को फारवर्ड ब्लॉक में शामिल कर लिया.
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क्या कहना है अब्दुल करीम का
सोशल मीडिया पर उन्हें बीरभूम लोकसभा क्षेत्र के लिए फॉरवर्ड ब्लॉक उम्मीदवार बनने के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया. इस संबंध में अब्दुल करीम ने कहा, ऐसा कुछ नहीं है जो मैं कर सकूं. यह दिखाने के लिए राजनीति में आएं कि मैं आपके साथ हूं. क्षेत्र की जनता मुझे चाहती है. यह जनता की आवाज है. क्योंकि मैं पिछले कुछ वर्षों से इलाज के माध्यम से लोगों का सेवा कर रहा हूं. लेकिन जिले में आईपीएस से लेकर अभिनेत्रियां आ रही हैं. पिछले 15 वर्षों से सांसद की ओर से भी क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ. इसलिए मैं भूमिपुत्र के रूप में राजनीति में आया हूं. मैं एक लोक सेवक बनना चाहता हूं.
तृणमूल के एक सौ चार लोग आज हमारे दल में शामिल हुए
फॉरवर्ड ब्लॉक के जिला सचिव दीपक चट्टोपाध्याय ने कहा, तृणमूल के एक सौ चार लोग आज हमारे दल में शामिल हुए. हालांकि, अब्दुल करीम के बारे में अंतिम फैसला प्रदेश नेतृत्व ही देगा. जिला फॉरवर्ड ब्लॉक ने अब्दुल करीम को जिला कमेटी की ओर से उम्मीदवार के लिए केंद्रीय कमेटी में भेज दिया. वहीं, नरेन चटर्जी ने कहा, बीजेपी भारतीय संस्कृति को नष्ट कर रही है. वे कांग्रेस का हाथ पकड़कर देश को बेच रहे हैं. मैं इस सीट से फारवर्ड ब्लाक के उम्मीदवार के बारे में दो दिनों में अपनी राय स्पष्ट करूंगा.
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