दुर्गापुर, अविनाश यादव : बीते 27 मार्च को बीजेपी उम्मीदवार दिलीप घोष (Dilip Ghosh) पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के खिलाफ किए गए टिप्पणी को लेकर दुर्गापुर थाना में केश दर्ज कराई गई थी. उस मामले को लेकर शनिवार भाजपा प्रत्याशी दिलीप घोष दुर्गापुर महकमा अदालत में सरेंडर किया. जहां समर्पण एसीजीएम अदालत से उन्हें जमानत मिल गई. दिलीप घोष पर दुर्गापुर थाना में कांड संख्या 162/24 के तहत भारतीय दण्ड विधि 506/509 के तहत मामला दर्ज कराया गया था. शिकायत कर्ता एमएएमसी टाउन शिप निवासी काजल दास थी. जिन्होंने दिलीप घोष की कड़ी निन्दा करते हुए कार्यवाही करने की मांग की थी .
दिलीप घोष का बयान ने राज्य की महिलाओं का किया अपमान
श्रीमती दास ने शिकायत पत्र में लिखा था की दिलीप घोष का बयान ने राज्य की महिलाओं का अपमान किया है. वह खुद एक महिला हैं , राज्य की मुख्यमंत्री भी एक महिला हैं .इसलिए उन्होंने एक महिला के खिलाफ इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी कर समाज की महिलाओं का अपमान किया है. दिलीप घोष के पक्ष में केस लड़ रहे अधिवक्ता मजबूर रहमान ने कहा कि दिलीप घोष की मामले की सुनवाई कर रहे अदालत के जज असीमा नंद दास ने 500 रुपए के बेल बॉन्ड पर जमानत दिया है.
क्या है मामला
भाजपा ने मेदिनीपुर से निवर्तमान सांसद घोष को इस चुनाव में बर्द्धमान-दुर्गापुर संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतारा है.उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के बांग्ला भाषा में दिये गये एक नारे का मजाक उड़ाया था, जिसका अर्थ है ‘बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है’. श्री घोष ने मुख्यमंत्री बनर्जी के संदर्भ में कहा, ‘‘जब वह गोवा जाती हैं तो कहती हैं कि गोवा की बेटी हैं. त्रिपुरा में वह खुद को त्रिपुरा की बेटी बताती हैं. पहले वह स्पष्ट करें. भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी महिलाओं के बारे में और एक मुख्यमंत्री के बारे में इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करती और इसलिए दिलीप घोष से स्पष्टीकरण मांगा गया था.
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