पश्चिम बंगाल में पहले चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है. इसमें ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी समेत 40 लोगों के नाम हैं. पार्टी की फायरब्रांड नेता महुआ मोईत्रा का नाम इस लिस्ट में नहीं है. लेकिन, लिस्ट में ‘खेला होबे’ के रचयिता देवांशु भट्टाचार्य का नाम है.
बंगाल में की 42 सीटों पर 7 चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव
पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में आम चुनाव कराए जा रहे हैं. पहले चरण में सूबे की 3 लोकसभा सीटों (उत्तर बंगाल के कूचबिहार, अलीपुरदुआर और जलपाईगुड़ी) पर मतदान कराए जाएंगे. पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी. इसके लिए तृणमूल कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त को अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट सौंप दी है. स्टार प्रचारकों की पूरी लिस्ट इस प्रकार है.
ये हैं तृणमूल कांग्रेस के 40 स्टार प्रचारक
- ममता बनर्जी
- सुब्रत बख्शी
- अभिषेक बनर्जी
- सुदीप बंद्योपाध्याय
- प्रो सौगत राय
- शोभनदेव चट्टोपाध्याय
- कल्याण बनर्जी
- मलय घटक
- मानस रंजन भुइयां
- अरूप विश्वास
- ब्रात्य बसु
- फिरहाद हकीम
- चंद्रिमा भट्टाचार्य
- शताब्दी रॉय
- दीपक अधिकारी (देव)
- ममता ठाकुर
- मनोज तिवारी
- पार्थ भौमिक
- डॉ शशि पांजा
- स्नेहाशीष चक्रवर्ती
- बीरबाहा हांसदा
- रीतब्रत बनर्जी
- अंबरीश सरकार
- प्रतिमा मंडल
- कुणाल घोष
- सायोनी घोष
- जून मालिया
- राज चक्रवर्ती
- यूसुफ पठान
- विवेक गुप्ता
- सोहम चक्रवर्ती
- डॉ शांतनु सेन
- समीर चक्रवर्ती
- अदिति मुंशी
- मोहर्रफ हुसैन
- जय प्रकाश मजुमदार
- देवांशु भट्टाचार्य
- सायंतिका बनर्जी
- रचना बनर्जी
- सौरभ दास
चुनाव आयोग से लेनी होती है स्टार प्रचारकों की मंजूरी
बता दें कि लोकसभा चुनाव में सभी दलों को अपने स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव से पहले चुनाव आयोग को सौंपनी होती है. चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद ही उन्हें स्टार कैंपेनर का दर्जा मिलता है. स्टार कैंपेनर के प्रचार का खर्च पार्टी के खाते में जोड़ा जाता है. अगर वे किसी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने जाते हैं, तो उसका पूरा खर्च उस उम्मीदवार के चुनाव खर्च में जोड़ दिया जाता है.
अधिकतम 95 लाख रुपए ही खर्च कर सकता है कोई उम्मीदवार
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि किसी भी उम्मीदवार के चुनाव खर्च की एक सीमा चुनाव आयोग की ओर से तय की गई है. कोई भी उम्मीदवार अधिकतम 95 लाख रुपए चुनाव पर खर्च कर सकता है. हाालांकि, पार्टियां चाहे जितना पैसा खर्च करना चाहें, कर सकतीं हैं. पार्टियों के चुनाव खर्च पर कोई कैपिंग चुनाव आयोग की ओर से नहीं लगाई जाती है.