धूपगुड़ी उपचुनाव से पहले भाजपा ने राष्ट्रीय चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक के साथ बैठक की और दो अधिकारियों के तबादले की मांग की. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और जलपाईगुड़ी के सांसद डॉ जयंत राय ने आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की. दिन भर की बैठक के बाद शुभेंदु ने कहा कि पुलिस और प्रशासन पंचायत में वोट लूटने में शामिल थे. केंद्रीय बलों की 800 कंपनियां दिये जाने के बाद भी उन्हें रोक लिया गया. हमने मांग की है कि कौशिक चंद को धूपगुड़ी उपचुनाव की सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया जाये.
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव से पहले 51 भाजपा कार्यकर्ताओं को जेल भेजने की व्यवस्था करने वाले बानरहाट के ओसी शांतनु सरकार के खिलाफ भी कार्रवाई की जाये. पंचायत चुनाव के मतगणना के दिन बानरहाट में पत्रकारों पर तृणमूल के गुंडों ने हमला किया था. उस घटना की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. शांतनु सरकार जलपाईगुड़ी के रहने वाले हैं. हमने मांग की कि उन्हें जिले से बाहर स्थानांतरित किया जाये. वह पांच तारीख तक जिले में नजर नहीं आने चाहिए.
Also Read: I-N-D-I-A गठबंधन की बैठक में संयोजक और संगठन पर आज होगा फैसला, ममता बनर्जी ने कहा न करें समय बर्बाद
उन्होने शिकायत की कि सत्ता पक्ष भाजपा बूथ अध्यक्षों और चुनाव संचालन के प्रभारी नेताओं के घरों पर हमला कर रहे हैं. इनमें अनुसूचित जनजाति, नामशूद्र, राजवंशी आदि वर्ग के नेता हैं. हमने तय किया है कि जिनके घरों में आइसी जा रहे है, कल उनके घरों में सीसीटीवी लगायेंगे. ताकि पुलिस चुनाव से पहले भाजपा के किसी भी बूथ स्तरीय नेता को गिरफ्तार न कर सके. इसके बाद हम सबूत के साथ चुनाव आयोग जायेंगे और पुलिसकर्मी को सस्पेंड करायेंगे.
Also Read: West Bengal Breaking News Live : धूपगुड़ी उपचुनाव से पहले शुभेंदु ने की दो अधिकारियों को हटाने की मांग
धूपगुड़ी उपचुनाव के लिए केंद्रीय बलों की कुल 30 कंपनियां तैनात की जा रही हैं. इनमें से 15 कंपनियों की तैनाती कर दी गयी है, जबकि अन्य 15 कंपनियां शीघ्र पहुंचने वाली हैं. पांच सितंबर को जलपाईगुड़ी जिले के इस विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए मतदान होगा. विपक्ष ने पंचायत चुनाव में व्यापक हिंसा को देखते हुए धूपगुड़ी उपचुनाव में कड़ी सुरक्षा की मांग की थी. गौरतलब है कि धूपगुड़ी से भाजपा विधायक विष्णुपद राय का गत 25 जुलाई को निधन हो गया था. महानगर में विधानसभा सत्र में भाग लेने के दौरान भाजपा विधायक बीमार पड़ गये थे. एसएसकेएम अस्पताल ले जाने के बाद विधायक की मौत हो गयी थी. इसके तुरंत बाद, अगस्त में, यह घोषणा की गयी कि धूपगुड़ी विधानसभा के लिए उपचुनाव होगा. वोटों की गिनती आठ सितंबर को होगी. धूपगुड़ी उपचुनाव के लिए नामांकन जमा करने की आखिरी तारीख 17 अगस्त थी.
Also Read: डुमरी उपचुनाव :मंत्री चंपई सोरेन व पूर्व विधायक ममता देवी का जनसंपर्क अभियान,बेबी देवी के पक्ष में वोट की अपील
चुनाव की घोषणा होने के बाद धूपगुड़ी के बीडीओ शंखदीप दास का अगस्त में तबादला कर दिया गया था. उनकी जगह जयंत राय को धूपगुड़ी का बीडीओ नियुक्त किया गया. पंचायत चुनाव के संचालन में शंखदीप दास की भूमिका पर सवाल उठाया गया था. पंचायत चुनाव के दिन धूपगुड़ी की शाकोआजोरा दो नंबर ग्राम पंचायत के सोनाखाली गोंसाईहाट फॉरेस्ट विलेज प्राइमरी स्कूल के बूथ में धांधली की शिकायत मिली थी. मतदान केंद्र के बाहर से 47 मतपत्र भी बरामद हुए थे. इसके बाद कलकत्ता हाइकोर्ट ने शंखदीप के तबादले का निर्देश दिया था.गौरतलब है कि धूपगुड़ी उपचुनाव में भाजपा ने तापसी राय, तृणमूल कांग्रेस ने प्रोफेसर निर्मल चंद्र राय व माकपा ने ईश्वरचंद्र राय को अपना उम्मीदवार बनाया है.
Also Read: शिक्षक भर्ती घोटाला : पार्थ के घर पर अयोग्य छात्रों की सूची होती थी तैयार, सुबीरेश भिजवाते थे नियुक्ति पत्र
जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में छात्र की मौत की घटना के बाद इसे लेकर आयोजित रैली के दौरान पुलिसकर्मियों को काम में बाधा देने व उन्हें अपशब्द कहने को लेकर जादवपुर थाने की पुलिस राज्य के विरोधी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ एफआइआर करना चाहती है. कलकत्ता उच्च न्यायालय में पुलिस की तरफ से आवेदन किया गया है. कहा गया है कि शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस को काम में बाधा दिया व अपशब्द कहे. इस कारण वहां काफी अशांति रही. इस कारण पुलिस श्री अधिकारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करना चाहती है. अदालत इसकी इजाजत दे. इसे लेकर सुनवाई की तारीख छह सितंबर को तय की गयी है. वहीं, शुभेंदु अधिकारी की तरफ से भी उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं करने के लिए अदालत में याचिका दायर की गयी है. श्री अधिकारी इस मामले में अदालत से रक्षा कवच चाहते हैं. दोनों ही मामलों की सुनवाई छह सितंबर को होगी.
Also Read: हाइकोर्ट के एफआइआर से रोक हटाने के आदेश को शुभेंदु ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती