आसनसोल, शिव शंकर ठाकुर : जबलपुर (मध्यप्रदेश) जिला के घामापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ओंकारा मंदिर चानमारी इलाके के निवासी व सोना कारोबारी रमेशचंद्र महंता का अपहरण 38 लाख रुपये के लिए किया गया था. इसकी साजिश मध्यप्रदेश में रची गयी थी. रमेशचंद्र को सोना खरीदने के लिए कोलकाता जाना था लेकिन उन्होंने कोलकाता मेल (12322) में श्रीधाम से पानागढ़ तक का ही टिकट लिया था. इसकी पूरी जानकारी अपहरणकारी टीम को थी. पकड़े गये दोनों आरोपियों जबलपुर जिला के मरोतल थाना क्षेत्र अंतर्गत बजरंगनगर इलाके के निवासी व कार चालक राजा विश्वकर्मा (28) और जबलपुर जिला के गोहलपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गोहलपुर बस्ती नम्बर दो दासीपंडा की गली इलाके का निवासी शिवम नामदेव (28) ने स्वीकार किया कि वे रमेशचंद्र का अपहरण करने के लिए जबलपुर से कोलकाता आ गये थे और चार दिनों से कोलकाता में रुके हुए थे.
पुलिस के पोशाक पहन कर किया अपहरण
रमेशचंद्र किस ट्रेन से आ रहा है और कहां उतरेगा? इसकी जानकारी उन्हें जबलपुर से मिल रही थी. उन्हें सूचना दी गयी कि 12322 ट्रेन में रमेशचंद्र आ रहे हैं और पानागढ़ रेलवे स्टेशन में उतरेंगे. जिसके बाद वे लोग कोलकाता से पानागढ़ आ गये और ट्रेन से उतरते ही पुलिस के पोशाक में रहे शिवम ने उन्हें गाड़ी में बैठा लिया. बेसबॉल के बैट से उसे गाड़ी में मारा गया और शोर मचाने पर जान से मारकर एनएच किनारे फेंकने की बात कही. लाइलन की रस्सी से उनका हाथ बांध दिया गया. गाड़ी लेकर पानागढ़ रेलवे स्टेशन से कोलकाता की ओर जाने के क्रम में रमेश ने पुलिस के जवानों को सड़क पर खड़ा देखकर पुलिस बचाओ- पुलिस बचाओ करके चिल्लाया.
घटना का उल्लेख करते हुए मध्यप्रदेश पुलिस को चिट्ठी भेजा गया
काला शीशा लगे गाड़ी के अंदर से आयी आवाज पुलिस के जवानों को सुनाई दी. उसके बाद उस गाड़ी का धावा करके पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को एनएच-19 पर पानागढ़ में सोनाई पुल के पास पकड़ लिया गया. पानागढ़ थाना के सहायक अवर निरीक्षक हमीदुर रहमान की शिकायत पर कांड संख्या 50/24 में आरोपियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 363/364/364ए/307/394/472/120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. मंगलवार को दोनों आरोपियों को दुर्गापुर अदालत में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत याचिका रद्द हो गयी और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. जांच अधिकारी ने पुलिस रिमांड की अपील नहीं की. सूत्रों के अनुसार आरोपियों का पूरा विवरण और घटना का उल्लेख करते हुए मध्यप्रदेश पुलिस को चिट्ठी भेजा गया है. इनके खिलाफ वहां कोई आपराधिक मामला दर्ज है या नहीं, इसकी जानकारी मांगी गयी है.
कोलकाता जाना था तो पानागढ़ क्यों उतरा रमेशचंद्र ?
रमेशचंद्र कोलकाता में सोना खरीदने और महाजन को बकाया पैसे का भुगतना करने जा रहे थे. पुलिस को यह सवाल काफी परेशानी में डाल दिया कि वे ट्रेन से सीधे कोलकाता जाने के बजाय पानागढ़ में क्यों उतरे? रमेशचंद्र 38 लाख रुपये नकद लेकर जा रहे थे. सोना के कारोबार में यह काफी छोटी रकम होती है. सूत्रों के अनुसार रमेशचंद्र को यह डर था कि हावड़ा, कोलकाता जैसे बड़े स्टेशनों पर काफी जांच होती है. इस दौरान यदि उनका पैसा पकड़ा गया तो काफी दिक्कत हो सकती है. ऐसे में पानागढ़ जैसे एक छोटे स्टेशन में उतरकर सड़क मार्ग से कोलकाता जाना उनके लिए आसान था. लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि उनके पल-पल की खबर कोई रख रहा था. किस ट्रेन से जा रहे हैं? कहां उतरेंगे? इसकी पूरी जानकारी अपहरणकर्ताओं को थी. चार दिनों से वे लोग कोलकाता में डेरा जमाए हुए थे. रमेशचन्द्र के आने की सूचना पर वे कोलकाता से पानागढ़ आ गये.
पैसा लेकर हत्या करने की साजिश रची थी अपहरणकर्ताओं ने
सूत्रों के अनुसार अपहरणकर्ता रमेशचंद्र का पैसा लेकर उनकी हत्या करने की साजिश रची थी. मध्यप्रदेश के व्यक्ति की यदि बंगाल के हत्या होता है तो फिर वह अज्ञात व्यक्ति का मामला बन जायेगा और जांच भी थोड़ी धीमी रहेगी. ऐसे में अपराधी बच जाएंगे. इस उद्देश्य से यह पूरा प्लान तैयार किया गया था. गाड़ी में ही हत्या कर कोलकाता जाने के क्रम में किसी सुनसान जगह पर शव फेंक देने की योजना थी, लेकिन रमेशचंद्र बच गये. बंद गाड़ी में से उनकी आवाज सड़क पर तैनात दो पुलिस कर्मचारियों ने सुन ली और पूरे मामले का खुलासा हो गया.
गाड़ी में से पुलिस को मिला मोबाइल फोन, रस्सी, बेसबॉल बैट, रेलवे टिकट
पूरे मामले में पुलिस ने 7600 पीस 500 रुपये के नोट (38 लाख) जो लाल, पिला, सफेद और काले रंग के तकिया के कवर में लपेटे हुए थे. मध्यप्रदेश नम्बर का एक चारपहिया वाहन, एक बेसबॉल बैट, पांच फीट की एक लाइलन कि रस्सी, दो मोबाइल फोन और एक काला रंग का ट्रैवलिंग बैग बरामद किया है. जब्त 38 लाख रुपये का वैध कागजता पुलिस ने रमेशचंद्र को दिखाने को कहा है. यदि वे नहीं दिखा पाते हैं तो फिर पैसे को लेकर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.