कोलकाता. निजी बसों में लापरवाह चालकों के कारण होने वाली जानलेवा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार ने हाल ही में निजी बसों में कमीशन खत्म करने की घोषणा की है. इसके साथ ही अब नया बस परमिट प्राप्त करने के लिए भी सरकार ने कई कड़े नियमों को लागू किया है, उन शर्तों को पूरा करने वालों को नया परमिट दिया जायेगा. नयी नियमावली में यह भी कहा गया है कि अगर बस ड्राइवर की वजह से हुई दुर्घटना में किसी यात्री की मौत हो जाती है, तो आरोपी ड्राइवर पर हत्या का केश दर्ज होगा.सरकार की इस कड़ाई से नाराज बस मालिकों ने सोमवार दोपहर गरियाहाट में बैठक की. बस मालिकों ने प्रतिवाद किया कि निजी बसों की कमीशन प्रणाली का दुर्घटना से कोई लेना-देना नहीं है. बस, ट्रक, लॉरी, कैब, मेटाडोर, ऑटो सहित विभिन्न सरकारी वाहनों में ड्राइवरों और उनके खलासियों का एक निश्चित वेतन बधा होता है. लेकिन फिर भी बस मालिकों का दावा है कि उन गाड़ियों से हादसे होते रहते हैं. ऐसे में सरकार का यह तर्क की बसों में कमीशन प्रणाली होने से ही दुर्घनाएं होती है, यह खोखला साबित हाता है. निजी बस एसोसिएशन सिटी सबअर्बन सर्विस के महासचिव टीटू साहा ने कहा कमीशन प्रणाली, दुर्घटनाओं का एकमात्र कारण नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि कई मामलों में तो बसें धीमी गति से चलने पर यात्रियों द्वारा चालकों को धमकाया जाता है कि वह तेज बस चलायें. इससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में उनका मानना है कि प्राइवेट बसों के लिए कमीशन सिस्टम ही ठीक है. श्री साहा ने बताया कि इन मुद्दों को लेकर मंगलवार को सिटी सवर्बन बस सर्विस के पदाधिकारी परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती से मिलकर अपनी बात रखेंगे.
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